अलीराजपुर। आदिवासी इलाकों में प्राचीन काल से भगोरिया पर्व धूम- धाम से मनाया जाता है. होली के एक सप्ताह पहले यह पर्व मनाया जाता है. लोग इस दौरान लगने वाले हाट में होलिका पूजन की सामग्री भी खरीदते हैं. भगोरिया हाट मेले में युवक आकर्षक वस्त्र पहनते हैं. महिलाएं और युवतियां आदिवासी समाज की पारंपरिक वस्त्र और आभूषण पहनती हैं.
धूमधाम से मनाया गया भगोरिया पर्व, मस्ती में झूमते दिखे आदिवासी समाज के लोग
होलिका दहन के पूर्व मनाए जाने वाले भगोरिया पर्व को आदिवासी समाज के लोगों ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया.
भगोरिया पर्व के दौरान आदिवासी समाज के लोग मस्ती में झूमते हैं, बड़ी-बड़ी मांदलों को बजाते हैं. बांसुरी और थाली की धुन पर हर कोई मदमस्त होकर अपना पारंपरिक नृत्य करता है. मांदल के आसपास घेरा बनाकर कुर्राटी देखकर लोग झूम उठते हैं. भगोरिया के दौरान विशेषकर आदिवासी क्षेत्र में व्यंजन के तौर पर मिर्ची के भजिया और गुड़ और शक्कर की जलेबी की बिक्री खूब होती है. भगोरिया पर्व होलिका की पूजा के लिए विशेष पूजन सामग्री के लिए आयोजित किया जाने वाला आदिवासी समाज का पारंपरिक हाट है.