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सरकारी आदेश के बाद भी नहीं हिले बसों के पहिए, अपनी मांगों पर अड़े ऑपरेटर्स

राज्य शासन ने यात्री बसों के संचालन की अनुमति दे दी है, लेकिन बस ऑपरेटर अपनी मांगों पर अड़े हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक बसों का संचालन नहीं होगा.

The state government has given permission to run the passenger bus, it will not operate till the demands are met
नहीं चल रही बसें

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Published : Aug 25, 2020, 1:07 PM IST

अलीराजपुर। कोरोना महामारी के चलते सभी यात्री वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन राज्य शासन ने 20 अगस्त से यात्री बसें चलाने की अनुमति दे दी है, बावाजूद इसके अब तक यात्री बसों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है, बस संचालक 5 महीने का टैक्स माफ करने की मांग पर अड़े हैं, शासन ने कुछ शर्तों के साथ बसों के संचालन की अनुमति दी है, लेकिन बस ऑपरेटरों की मांगी गई राहत नहीं मिलने से वह बसें चलाने को राजी नहीं हैं, यही कारण है कि अब तक बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है, जिससे ग्रामीणों को खासी परेशानी हो रही है.

जिनके पास आने जाने का कोई निजी साधन नहीं है, वो कहीं आ जा नहीं पा रहे हैं. जिला परिवहन विभाग के अनुसार पूरी क्षमता के साथ बस संचालन के आदेश शासन स्तर से हो चुके हैं, लेकिन बस संचालकों के निर्णय का इंतजार है. मध्यप्रदेश बस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पर्वत सिंह राठौर ने बताया कि बस संचालन को लेकर आदेश जारी हुआ है, लेकिन बीमा, टैक्स, किराया वृद्धि सहित कई बिंदुओं पर की जा रही मांग को लेकर अभी तक कोई आदेश नहीं मिला है. उक्त मांगे पूरी होने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा. करीब एक सितंबर के आसपास ही बसों का संचालन शुरु हो सकेगा.

बस एसोसिएशन के आशुतोष पंचोली ने बताया कि सरकार के सामने कुछ मांगें रखी गई थी, जिसमें अप्रैल, मई, जून महीने का पूरा टैक्स माफ होना चाहिए. जुलाई, अगस्त, सितंबर के टैक्स में क्रमशः 75,50,25 फीसदी की छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नॉन यूज की अवधि की कोई लिमिट नहीं होनी चाहिए, वहीं लॉकडाउन की अवधि 22 मार्च से संचालन नहीं होने की अवधि तक का बीमा पीरियड बढ़ना चाहिए.

इसके साथ ही डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण वाहन संचालन से पूर्व यात्री किराए में 50 फीसदी बढ़ोतरी की जानी चाहिए. बस संचालक राजेश राठौड़ ने बताया कि 5 महीने में लाखों रुपये टैक्स हो गया है, इसके अलावा मार्च से अब तक 17 रुपये प्रति लीटर डीजल के भाव में वृद्धि हुई है. ऐसे में बस संचालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है, जिसके लिए सरकार को उन्हें राहत देनी चाहिए.

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