अलीराजपुर। जिला चिकत्सालय में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां मेटरनिटी वार्ड के बाहर रखे वाटर कूलर में मरा हुआ मेढ़क मिला है. हैरानी की बात ये है कि इस पानी को जज्चा- बच्चा और मरीजों के परिजन पी रहे है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल में साफ-सफाई का कितना ध्यान रखा जाता है.
अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही, वाटर कूलर में मिला मरा हुआ मेंढक
अलीराजपुर जिला चिकित्सालय में ही मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ का मामला सामने आया है. मेटरनिटी वार्ड के बाहर पीने के पानी के लिए रखे वाटर कूलर में मरा हुआ मेंढक मिला है. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मंच गया.
वाटर कूलर के पास दीवार पर चस्पा कागज, जिस पर वाटर कूलर की सफाई की तारीख और सफाई कर्मचारी का नाम का उल्लेख होना था, लेकिन जिम्मेदारों ने चस्पा कागज को ही हटा दिया. वहीं जब वाटर कूलर में गंदगी की खबर जब सिविल सर्जन डॉ. मंडल को लगी, तो उन्होंने आनन- फानन में वाटर कूलटर की सफाई करा दी. इतना हीं नहीं अस्पताल के डॉक्टर और अस्पताल प्रबन्धन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नजर आये.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही है, वहीं प्रचार प्रसार के माध्यम से जनजागृति लाने के लिए भी काफी पैसे खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन अलीराजपुर जिले अस्पताल में मरीज गंदा और बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं. लिहाजा जहां मरीज अपनी बीमारी का इलाज कराने आते हैं, वहां पर ही मरीजों को एक और नई बीमारी गंदी, बदबूदार पानी के रूप में मिल रही है.