आगर मालवा। जिले के लाडोन गांव में एक निजी कंपनी सोलर ऊर्जा प्लांट को लगा रही है. लाडोन के ग्रामीण इस सोलर ऊर्जा प्लांट को लगाए जाने को लेकर काफी विरोध कर रहे हैं. विरोध के चलते गांव की कई महिलाएं एकजुट होकर मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंची और मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा. महिलाओं ने सोलर ऊर्जा प्लांट की जगह बदलने की मांग की है. कलेक्ट्रेट में पहुंची महिलाओं ने आवेदन में बताया कि गांव में सैकड़ों बीघा गोचर जमीन है.
इस जमीन पर पूरे गांव के मवेशी घूमते रहते हैं. प्लांट लगने से यह जमीन खत्म हो जाएगी और मवेशियों को घूमने के लिए जगह नहीं बचेगी. इस जमीन पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने का काम काफी हद तक शुरु हो गया है. गांव के कई लोग मवेशियों के पालन-पोषण पर भी निर्भर हैं. ऐसे में यदि इस जगह पर सोलर प्लांट बनता है तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. ज्ञापन के जरिए महिलाओं ने गोचर जमीन को खाली करवाने की मांग की है.
सोलर पॉवर प्लांट के बारे में
सौर पैनल प्रकाश विद्युत प्रभाव है, जिसके जरिए बिजली उत्पादन में सूर्य से मिल रहे प्रकाश ऊर्जा (फोटॉन) का उपयोग करते हैं. एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट रीवा में बना है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने 10 जुलाई को किया था. यह प्लांट रीवा से 25 किमी दूर 1590 एकड़ में फैला है. इसके इनोवेशन और उत्कृष्टता के लिए इसे वर्ल्ड बैंक ग्रुप प्रेसिडेंट अवार्ड भी मिला है. इसे प्रधानमंत्री की इस परियोजना में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर जमीन पर 250-250 मेगावाट की तीन सोलर एनर्जी यूनिट्स शामिल हैं.