मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

अंधविश्वास की हद : कोरोना को भगाने के लिए ग्रामीणों ने खाली किया पूरा गांव - village jhota in superstition

आगर जिले के झोंटा गांव के लोग कोरोना महामारी से काफी डरे हुए हैं. इसीलिए यहां के लोग अलग-अलग तरीकों के अंधविश्वासों का सहारा ले रहे हैं. इस बार गांव के लोगों ने एक अनुष्ठान किया, जिसमें गांव के लोगों और जानवरों पर मंत्र वाला जल छिड़का गया. इसके बाद गांव के लोग अपने-अपने घरों में ताला लगाकर खेतों में चले गए और वहीं खाना बनाया.

corona awe in Jhonta village
कोरोना का खौफ़

By

Published : May 31, 2021, 9:27 PM IST

आगर।आगर जिला मुख्यालय से 10 km की दूरी पर स्थित ग्राम झोंटा में सोमवार को कोरोना महामारी से छुटकारा पाने के लिए एक बार फिर अनोखा तरीका अपनाया है. यहां विशेष साधना से अभिमंत्रित किए गए जल का छिड़काव सभी ग्रामीणों पर किया गया. इसमें महिला-पुरुष, बच्चे-बुजुर्ग सभी शामिल थे. साथ ही पशुओं पर भी इस जल का छिड़काव किया गया.

किया गया अनुष्ठान

कोरोना का खौफ़

ग्रामीणों ने पूरे गांव को खाली कर जंगल और खेत पर जाकर खाना बनाया. इससे पहले ग्रामीणों ने गांव में स्थित हनुमान मंदिर पर अनुष्ठान किया. यह अनुष्ठान पिछले दो दिन से जारी था, जो कि सोमवार सुबह 7 बजे खत्म हुआ. उसके बाद महादेव का अभिषेक किया गया. ग्रामीणों ने इस कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए भगवान से प्रार्थना भी की. इसके बाद एक-एक कर लोग अपने घरों में ताले लगाकर गांव की सीमा से बाहर खेत और जंगल की ओर निकल पड़े, जहां पूरा दिन लोगों ने वहीं बिताया और खाना भी खाया.

इसे भी पढ़ें :इलाज के नाम पर अंधविश्वास का खेल !

ग्रामीणों ने दिया अनोखा तर्क

इस पूरे मामले में ग्रामीणों का तर्क है कि इस तरह का अनुष्ठान पहले जानवरों के ऊपर आई महामारी के दौरान किया जाता था, लेकिन वर्तमान में कोरोना महामारी से बचने के लिए यह उपाय किया गया है. ग्राम झोंटा में काफी लोग कोरोना संक्रमित हुए थे, वहीं काफी संख्या में लोगो की मौंते भी हो रही थी, जिसके कारण ग्रामीण काफी डरे हुए थे. यही कारण है कि ग्रामीणों ने इस प्रकार का अनुष्ठान कर गांव खाली किया.

एक महीने पहले भी किया गया था गांव खाली

ग्रामीणों ने एक महीने पहले भी कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए अनुष्ठान कर गांव खाली किया गया था. इस अनुष्ठान के बाद भी लगातार लोगों की मौतें हो रही थीं. ग्रामीणों का मानना है कि पहली बार किया गया हवन सफल नहीं हुआ था. इस कारण दोबारा सुव्यवस्थित तरीके से अनुष्ठान कर गांव खाली कराया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details