आगर मालवा। मध्यप्रदेश में बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए प्रदेश सरकार कई योजनाएं चल रही है, लेकिन सुसनेर विकासखंड में ये योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी लागू हो रही है, इसकी जिम्मेदार अधिकारियों को खबर तक नहीं है. अगर नतीजों पर गौर करें तो तथ्य चौंकाने वाले सामने आए हैं. हालात ये हैं कि विकासखंड के अतंर्गत 182 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें पिछले छह महीने से 5 साल के बच्चों की संख्या 12 हजार 984 है. इनमें से 6 हजार 541 बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें पोषण आहार भोजन विभाग देता है. इसके बावजूद इनमें से 2 हजार 346 बच्चे कुपोषित और 264 बच्चे अतिकुपोषित शासकीय आकड़ों में दर्ज हैं. इस तरह से कुल 2 हजार 610 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.
खास बात ये है कि बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए विभाग बड़े-बड़े दावे करता है और लाखों रुपए भी खर्च कर रहा है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात है. अब गौर करने वाली बात ये है कि विभाग की ओर से जो भोजन बच्चों को दिया जाता है, उसके मुताबिक 12 से 15 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा और 500 के लगभग कैलोरी होनी चाहिए, लेकिन पिछले एक साल में विभाग ने एक बार भी इस बात की जांच नहीं करवाई है. बच्चों को जो पोषण आहार के नाम पर दिया जा रहा है, उसमें प्रोटीन और कैलोरी की निर्धारित मात्रा कितनी है.
क्या कहते हैं आंकड़े ?