आगर। बिजली विभाग में आउटसोर्स के रूप में पदस्थ कर्मचारी को कार्यपालन यंत्री से साप्ताहिक अवकाश मांगना और ड्यूटी का समय कम करने की बात कहना महंगा पड़ गया. साप्ताहिक अवकाश मांगने पर अधिकारी ने कर्मचारी को नौकरी से ही निकाल दिया. जिसके बाद कर्मचारी के समर्थन में अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों ने भी काम बंद कर गांधी उपवन में धरना दे दिया और कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन अधिक्षक भू अभिलेख राजेश सरवटे को सौंपा है. इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी भी की.
कर्मचारी को साप्ताहिक अवकाश मांगना पड़ा महंगा, अधिकारी ने नौकरी से निकाला - दिनेश सिसौदिया
साप्ताहिक अवकाश मांगना बिजली विभाग में आउटसोर्स के रूप में पदस्थ कर्मचारी को मंहगा पड़ गया. कार्यपालन यंत्री ने कर्मचारी को नौकरी निकाल दिया, जिसके बाद दूसरे आउटसोर्स कर्मचारियों ने भी काम बंद कर गांधी उपवन में धरना दिया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की. पढ़िए पूरी खबर...
![कर्मचारी को साप्ताहिक अवकाश मांगना पड़ा महंगा, अधिकारी ने नौकरी से निकाला Employee fired from employee on asking for weekly leave](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-06:07:12:1599482232-mp-aga-05-bijlikarmchari-pkg-mp10007-07092020172447-0709f-02232-639.jpg)
ज्ञापन में बताया गया कि 'बिजली विभाग में ग्रीड ऑपरेटर आउटसोर्स कर्मचारी के रुप मे पदस्थ दिनेश सिसौदिया में वर्षों से बिजली विभाग में काम करता आ रहा है. बिजली विभाग में पदस्थ होने के चलते उसे एक दिन का भी अवकाश नहीं मिल पाता था, ऐसे में जब दिनेश ने कार्यपालन यंत्री से साप्ताहिक अवकाश मांगा और काम के समय मे छूट मांगी तो अधिकारी ने उसकी समस्या का निराकरण करने की बजाय उसे नौकरी से निकाल दिया'. कर्मचारियों ने मांग की है कि दिनेश सिसोदिया को नौकरी पर रखा जाए और कर्मचारियों की समस्याओं का भी निराकरण किया जाए.
आउटसोर्स कर्मचारी संघ के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने बताया कि अधिकारियों का आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रति तानाशाह रवैया अपनाया जा रहा है. दिनेश सिसोदिया जैसे छोटे कर्मचारी को बेवजह नौकरी से निकाल दिया गया है, अधिकारी मनमानी कर रहे हैं.