ईटीवी भारत डेस्क : भारतीय समाज में गुरु शिष्य परंपरा के एक से बढ़कर एक उदहारण मिलते हैं. इसी परंपरा में साईं बाबा ध्रुव तारे की तरह भारतीय जनमानस में बसे हुए हैं. समाज में साईं बाबा जैसे बहुत ही कम व्यक्तित्व होते हैं जिनसे आमजन बहुत ही सहजता और सरलता से जुड़ जाते हैं. हिन्दू धर्म में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर और श्रेष्ठ माना गया है. गुरु ही मानव को अज्ञानता के अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं. इसी प्रकार लाखों लोगों का मानना है कि साईं बाबा ने अपने जीवनकाल में और उसके बाद भी बिना किसी भेदभाव के, जातपात से ऊपर उठकर लगातार समाज का मार्गदर्शन किया है.
वैसे तो साईं बाबा की पूजा उपासना सातों दिन की जाती है लेकिन लाखों लोग उन्हें गुरु की तरह मानते हैं जिस कारण गुरुवार को साईं बाबा की पूजा का विशेष महत्त्व होता है. मान्यता है कि साईं धाम जाकर बाबा के दर्शन मात्र से ही लोगों के दु:ख-दर्द आश्चर्यजनक तरीके (shirdi sai baba miracle) से शीघ्र ही दूर हो जाते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पढ़ें शिरडी साईं बाबा के वो चमत्कार (shirdi sai baba mahima) जिससे लोग वहां खिंचे चले जाते हैं.
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साईं धाम शिरडी
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में साईं भक्तों का पावन धाम है, इस पावन धाम में साईं बाबा का एक विशाल मंदिर है, जिसे विश्व के अमीर मंदिरों में से एक जाना जाता है. जहां पर आये दिन कोई न कोई बड़ी राशि का चढ़ावा साईं के चरणों में समर्पित करता रहता है. साईं बाबा के इस पावन स्थान से कई ऐसे चमत्कार जुड़े हैं, जिन्हें जानने के बाद हर कोई उनके दरबार में खिंचा चला आता है. लोक मान्यताओं की मानें तो शिरडी के साईं बाबा से जुड़े सैकड़ों चमत्कार हैं और नित नये चमत्कार उनके भक्तों को दिखाई देते भी रहते हैं.
सूखे कुएं का बढ़ गया पानी
बाबा के तमाम चमत्कारों में यह किस्सा तब का है, जब बाबा बाबा शिरडी पधारे थे. कहते हैं कि उन दिनों वहां पर पानी का बहुत अभाव था. वहां पर कुएं लगभग सूख से गये थे. पानी का स्तर नीचे होने के कारण शिरडी के लोगों को पानी के लिए बहुत दिक्कत होती थी. जब लोगों ने यह समस्या साईं बाबा को बताई तो उन्होंने अपने भक्तों को एक बूंद उनकी हथेली पर रखी और उसे कुंए में डालने को कही. आश्चर्यजनक तरीके से वह बूंद फूल में बदल गई. इसके बाद वह फूल कुएं के पानी के जल स्तर को बढ़ाते हुए पानी के साथ बाहर आ गए.
जब थम गई बारिश
कहते हैं कि एक बार शिरडी में उस समय के राय बहादुर अपने परिवार समेत बाबा का दर्शन करने पहुंचे. दर्शन के बाद जब वे अपने घर जाने लगे तो तेज बारिश होने लगी. उनका जाना बहुत जरूरी था, ऐसे में उन्होंने बाबा से गुहार लगाई कि वे बारिश को रोक दें और सुरक्षित उन्हें घर पहुंचा दें. इतना कहना ही था कि आश्चर्यजनक तरीके से बारिश कुछ ही देर में रुक गई.
जलती फसल की बुझाई आग