आगर-मालवा। नवरात्रि शुरु होने के साथ ही सभी प्रमुख मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. आगर मालवा में यूं तो आस्था के अनेकों केन्द्र है, लेकिन सुसनेर के मेला ग्राउण्ड में स्थित शीतला माता का मंदिर सबसे अनूठा है. कंठाल नदी के किनारे स्थित यह मंदिर नवरात्र में श्रृद्धालुओं की अटूट आस्था का केन्द्र बना हुआ है. जहां भक्त की सच्ची श्रृद्धा से मां शीतला की मनमोहक प्रतिमा का दर्शन करने आते हैं. शीतला माता श्रृद्धालुओं के मन की अशांति को दूर करती हैं और शीतलता प्रदान करती हैं.
भक्तों के मन की अशांति को दूर करती हैं शीतला माता, नवरात्रि में उमड़ रही भक्तों की भीड़
सुसनेर के मेला ग्राउण्ड में स्थित शीतला माता का मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. शीतला माता श्रृद्धालुओं के मन की अशांति को दूर करती है और शीतलता प्रदान करती हैं.
नवरात्रि की पंचमी पर शीतला मैया के दरबार से 25 किलोमीटर चुनरी यात्रा निकालकर नलखेडा स्थित विश्व शक्तिपीठ मां बंगलामुखी मैया को चढ़ाई जाती है. जिसमें हजारों की संख्या में श्रृद्धालु शामिल होते हैं. पूरे नगर में एक मात्र मंदिर होने से विवाह के समय दुल्हा-दुल्हन इसी मंदिर में पूजन करते हैं. जिसके बाद ही अन्य रस्में शुरु होती हैं. माता के एकमात्र दर्शन करने से ही भक्तों की सारी मुरादे पूरी हो जाती हैं.
मंदिर परिसर में दूधाखेडी वाली माताजी की प्रतिमा, भेरू महाराज व तनोडिया वाली माताजी विराजमान है. वहीं गर्भगृह में ही शीतला माता के साथ गुणानी माता, मोतीसर महाराज और चामुण्डा माता के भी दर्शन होते है. पूरा गर्भगृह झिलमिलाते रंग -बिरंगे कांच की कलाकृतियों से सुसज्जित है. जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.