आगर। कहते हैं कोई भी काम मेहनत और लगन से किया जाए तो फिर आपको सफलता जरूर मिलती हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले की रहने वाले वाली शन्नो की. जो पहले दिहाड़ी मजदूरी का काम करती थीं, लेकिन लगन, मेहनत से अपने हुनर को निखार कर आज खुद को एक कारीगर के तौर पर तैयार किया है और अब लोगों का आशियाना तैयार कर रही हैं
2004 में पति ने छोड़ा साथ
शन्नो की जिंदगी में कई उतर चढ़ाव आए. 2004 में पति ने अनबन की वजह से शन्नो को दो बेटियों के साथ अकेला छोड़ दिया. अचानक आई इस आपदा से शन्नो ने ही दोनों बेटियों के पालन पोषण के लिए मजदूरी करने का फैसला लिया. पहले मिस्त्री के साथ जाकर छोटे काम करती थीं. बच्चों की परेशानी को देखते हुए शन्नो दिन रात मेहनत करने में लगी रहीं और अब एक कारीगर बन चुकी हैं.
दोहरी जिम्मेदारी
शन्नो बी कारीगर के साथ सुबह 10 बजे जाकर शाम को 5 बजे घर आती हैं. ऐसे में उन्हें दोहरी जिम्मेदारी को निभाना पड़ता है. सुबह जल्दी खाना बनाकर काम पर जाना और फिर काम से वापस आने के बाद खाना बनाने के साथ बेटियों का पूरा ध्यान देती हैं, लेकिन कारीगर से सीखे हुनर की बदौलत ईट देने वाली शन्नो आज खुद महिला कारीगर बनकर शानदार मकान बना रही हैं.