आगर। मॉडल स्कूल की हर साल की तरह इस बार भी एक अलग ही छवि उभरकर सामने आई है. मॉडल स्कूल में जो सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध कराई जाती है वो किसी प्राइवेट स्कूल में भी नहीं दी जाती है. स्कूल प्रबंधन के कड़े अनुशासन, बेहतर सुविधाओं और शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम की बदौलत ही जिले के नामी प्राइवेट स्कूल के बच्चों का रुझान मॉडल स्कूल की तरफ बड़ा है.
स्कूल में पढ़ाई करते बच्चे आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति हो या कोई गरीब व्यक्ति. हर कोई अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अच्छे से अच्छे से स्कूल में भेजना चाहता है. परिजन समझते है कि सरकारी स्तर के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर नहीं होता है इसलिए वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में ही शिक्षा दिलाते है ताकि उनके बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिल सकें.
आधुनिक सुविधाओं से लैस मॉडल स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ इतना कड़ा अनुशासन होता है कि बच्चे किसी भी काम में आत्मनिर्भर बन जाते है. जिसका सीधा परिणाम बच्चों के परीक्षा परिणाम में नजर आता है. यही कारण है कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का दम्भ छोड़कर परिजन इस सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेज रहे हैं. इस बार कक्षा 9वी तथा 11वी में दाखिला लड़ने वाले 60 प्रतिशत से अधिक बच्चे ऐसे है जो जिले के बड़े प्राइवेट स्कूलों से आये है इतना ही नही पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे प्राइवेट स्कूल से ही इस स्कूल में आये है.
मॉडल स्कूल के प्राचार्य संजीव ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ यहां अनुशासन सिखाया जाता है. यहां बच्चों से कुछ भी करने के लिए नहीं कहा जाता. सब कुछ दूसरों से देखकर ही बच्चे अनुशासन का पालन करते है. पढ़ाई के मामले में भी स्कूल जिले में अव्वल है. हमारा प्रयास रहता है कि यहां बच्चों को सभी क्षेत्र की बेहतर शिक्षा दी जाए. यही कारण है कि प्राइवेट स्कूलों के बच्चे मॉडल स्कूल में आने में लालयित है.