आगर-मालवा। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से कई लोग अपनों से नहीं मिल पा रहे हैं. खासकर प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के जवान तो अपने परिवार से दूर रहकर दिन रात ड्यूटी करने में जुटे हैं. कुछ ऐसी ही कहानी जिलें के सुसनेर थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक आशीष सोनी की है. जो पिता बनने के 24 दिनों बाद भी अपने बेटे और पत्नी से नहीं मिल पाए हैं. पुलिस जवान ने बेटे का चेहरा पहली बार वीडियो कॉल के जरिए देखा.
अपनों को छोड़कर फर्ज निभा रहा यह पुलिसकर्मी, पिता बनने के 24 दिन बाद भी नहीं जा पाया घर - अपनों को छोड़कर फर्ज निभा रहे पुलिसकर्मी
कोरोना संकट के चलते लगातार ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी अपनों से भी नहीं मिल पा रहे हैं. आगर जिले के सुसनेर में पदस्थ आरक्षक आशीष सोनी पिता बनने के बाद भी, अपने घर नहीं जा पाए. उनका कहना है कि इस वक्त ड्यूटी जरुरी है.
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आशीष सोनी हर दिन वीडियो कॉलिंग के माध्यम से ही परिवार के लोगों के हाल-चाल पूछ लेते हैं. लॉकडाउन में ड्यूटी करने के बाद इनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं है. बेटे को मां की गोद तो मिल गई, लेकिन पिता के दुलार का इंतजार अभी भी है.
पुलिस आरक्षक आशीष सोनी दो साल से सुसनेर पुलिस थाने में पदस्थ हैं. कोरोना ड्यूटी में घंटों जनता की सेवा के लिए जुटे रहते हैं. उन्होंने कहा कि, इस मुश्किल वक्त में लोगों की सुरक्षा करना जरुरी है. एक तरफ पिता बनने की खुशी भी है, तो दूसरी तरफ देश की सुरक्षा करना कर्तव्य भी है. इसलिए देश पहले है, जब कोरोना खत्म हो जाएगा तो घर जाऊंगा.