मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Muharram 2021: बिना अनुमति मोहर्रम का जुलूस निकालना पड़ा भारी, 12 नामजद-300 अज्ञात पर FIR दर्ज

आगर मालवा में बिना अनुमति मुहर्रम (Muharram 2021) का जुलूस निकालने पर पुलिस ने 12 नामजद के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जबकि 300 अज्ञात को भी आरोपी बनाया है, अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से इस साल मुहर्रम का इस्‍लामिक महीना 11 अगस्त से शुरू हुआ है. मुहर्रम का दसवां दिन आशूरा (Ashura 2021) होता है, इस दिन मुहर्रम (Muharram) मनाया जाता है. इस साल 20 अगस्त को आशूरा होने के चलते मुहर्रम 20 अगस्त यानी शुक्रवार को होगा. इस महीने का ये सबसे खास दिन होता है.

Muharram 2021
मोहर्रम का जुलूस

By

Published : Aug 19, 2021, 9:45 AM IST

आगर मालवा। बिना अनुमति मोहर्रम (Muharram 2021) का जुलूस निकालने पर 12 लोगों के खिलाफ नामजद मामला पुलिस ने दर्ज किया है, साथ ही 300 अज्ञात के खिलाफ आगर कोतवाली पुलिस ने आदेश के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज किया है. मंगलवार 17 अगस्त 2021 की रात्रि बिना अनुमति जमीदारपुरा में मोहर्रम का जुलूस निकाला गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे, जबकि कोरोना महामारी के चलते जिले में 50 से अधिक लोगों के एकसाथ जुटने पर प्रतिबंध लगा है. इस मामले में कोतवाली पुलिस ने 12 नामजद व अन्य 300 लोगों के विरुद्ध बुधवार को धारा 188 भादंवि के तहत प्रकरण दर्ज किया है.

एमपी में मोहर्रम का शासकीय अवकाश 19 अगस्त के स्थान पर 20 को घोषित

इन पर दर्ज हुआ प्रकरण

बिना अनुमति के जमीदारपुरा में मोहर्रम का जुलूस निकालने वाले आरोपी मकसूद अली, मुदस्सर खान, मुबारिक खान, साबू बंदूक, चंगेज अंसारी, भुरु खां, अमन खान, सलीम खान, तौसीफ खान, नारू, जुबेर मिस्त्री, गब्बर खान व 300 अज्ञात के विरुद्ध कोतवाली पुलिस ने बुधवार को धारा 188 भादंवि के तहत प्रकरण दर्ज किया है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महीना मुहर्रम (Muharram) होता है, इसे 'गम का महीना' भी माना जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर को देखें तो इस साल मुहर्रम का इस्‍लामिक महीना 11 अगस्त से शुरू हुआ है. मुहर्रम का दसवां दिन आशूरा (Ashura 2021) होता है, इस दिन मुहर्रम मनाया जाता है. इस साल 20 अगस्त को आशूरा होने के चलते मुहर्रम 20 अगस्त यानी शुक्रवार को होगा.

क्यों मनाया जाता है मुहर्रम?

इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक पैगंबर-ए-इस्‍लाम हजरत मुहम्‍मद के नाती हजरत इमाम हुसैन को इसी मुहर्रम के महीने में कर्बला की जंग (680 ईसवी) में परिवार और दोस्तों के साथ शहीद कर दिया गया था. कर्बला की ये जंग हजरत इमाम हुसैन और बादशाह यजीद की सेना के बीच हुई थी. इस्लामिक मान्यताओं में मुहर्रम के महीने में दसवें दिन ही इस्‍लाम की रक्षा के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी. इसे आशूरा भी कहा जाता है. इसीलिए मुहर्रम के दसवें दिन को बहुत खास माना जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details