आगर-मालवा। कोराेना संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है, उधर हर दिन तरह-तरह के काम करके अपना परिवार चलाने वाले लोग डेढ़ महीने से बेरोजगार बेठे हैं. तो वही कुछ अब गृहस्थी चलाने के लिए चिलचिलाती धूप में भी हम्माली का काम करने को भी तैयार हैं. आगर जिले के सुसनेर में लॉकडाउन के चलते पिछले डेढ़ महीने से होटल बंद हैं.
लॉकडाउन में डेढ़ महीने से बंद हैं सुसनेर के होटल, परिवार पालने के लिए हम्माली कर रहे व्यापारी
आगर-मालवा में लॉकडाउन की वजह से गरीब तबके के लोग परिवार का पेट नही पाल पा रहे. जिसके चलते उन्हें इतनी गर्मी में हम्माली का काम करना पड़ रहा है. जिससे वह परिवार का पेट पाल सकें.
सुसनेर में करीब 50 से भी अधिक होटलों पर काम करने वाले कर्मचारी इन दिनों बेरोजगार बैठे हैं जो अब मजबूरी के चलते भारी भरकम काम भी कर रहे हैं. कभी होटलों पर काम करने वाले कर्मचारी अब 40 डिग्री तापमान में हम्माल बनकर काम कर रहे हैं ताकि वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सके. सुसनेर के गोपाल सोनी, गोविन्द, माखन, कमल, राहुुल इनमें से से कोई हाट बाजार में काम करता था तो कोई होटलो पर काम करता था. पर लॉकडाउन के चलते वे पिछले डेढ़ माह से भी अधिक दिनों से बंद हैं. एसे में इनके सामने परिवार पालना मुश्किल हो रहा था. तो फिर मजबूरी में हम्माली जैसे काम करना पड़ रहा है.
ये सभी 40 डिग्री तापमान में सुसनेर के सांई तिराहा क्षेत्र में लाेहे के सरिये की गाड़ी खाली करते हुए दिखाई दिए. गर्मी में लोहा हाथों में पकड़ कर लोहे के सरियों को एक ट्रक से उतारा जा रहा था. पूरे देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण ने कई लोगों की रोजी रोटी ही छीन ली है. ऐसे में उनके सामने गृहस्थी चालाना बहुत कठिन हो रहा है. इसके चलते जो लोग कभी होटलों के नीचे छांव में काम करते थे. उन्हें भी 40 डिग्री तापमान में भीषण गर्मी में खुले में मेहनत मजदूरी करनी पड़ रही है.