आगर। जिले के सुसनेर में करीब 20 परिवार हैं, जो अगल-अलग स्थानों पर जाकर पानी-पूरी बेचते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका करोबार ठप हो गया है. ऐसे में इस व्यापार के जरिए अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिसके चलते आज इन लोगों ने रेस्ट हाउस पहुंचकर एसडीएम मनीष जैन को एक ज्ञापन सौंपकर आर्थिक सहायता दिलाए जाने या फिर पानी-पूरी का व्यापार फिर से शुरू करने की अनुमति दिलाए जाने की मांग की है.
प्रशासन से लगाई मदद की गुहार इस दौरान इन लोगों ने अपने मोबाइल नंबर सहित नाम और पते के साथ एक सूची प्रशासन को भी दी है. ताकि अगर काम-धंधा शुरू करने की अनुमति न मिले तो फिर आर्थिक मदद तो जरूर सरकार से मिले.
इन लोगों का कहना है कि लॉकडाउन में अधिकांश दुकानें प्रशासन के द्वारा खोल दी गई है. तो फिर हमें भी किसी ना किसी प्रकार से छूट दी जाए ताकि हम अपनी आजीविका अच्छे से संचालित कर सकें.
वहीं एसडीएम मनीष जैन ने बताया कि सुसनेर के पानी-पूरी बेचने वाले लोगों ने ज्ञापन सौंपा है. इनको काम-धंधा शुरू करने की अनुमति नहीं है. इस बारे में वरिष्ठ अधिकारीयों से चर्चा करूंगा. साथ ही इन्हें आर्थिक मदद मिले इसके प्रयास भी प्रशासन के द्वारा किए जाएंगे.
गौरतलब है कि पूरे लॉकडाउन के दौरान इन 20 परिवारों का लाखों रूपये का नुकसान हो गया है. अभी तक लॉकडाउन के तीनों चरण के तहत 51 दिन तो इन्होंने अपनी जमा पूंजी के भरोसे निकाल लिये. लेकिन अब परिवार को पालना मुश्किल हो रहा है.
लॉकडाउन 4.0 की घोषणा होने की वाली है. ऐसे में ये वर्ग परेशान है. लॉकडाउन ने इन्हें पूरी तरह से बेरोजगार कर दिया है. ये लोग अब प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इनका व्यापार पूरी तरह से चौपट होने से इनकी आय भी बंद हो गई है. इस लॉकडाउन से सुसनेर में जगह-जगह हाथ ठेला लगाकर पानी-पूरी बेचने वाले लोगों पर चौतरफा मार पड़ी है.