आगर मालवा। जिले के सुसनेर में 700 साल पुराना प्रथम पूज्य बड़ा गणपति का एक प्राचीन मंदिर है जो हरियालीयुक्त वातावरण में शहर से 1 किलोमीटर दूर बामनियाखेडी मार्ग पर स्थित है.
विवाह पत्रिकाओं से भरा रहता था बड़ा गणपति का आंगन, लॉकडाउन के चलते सूना
आगर मालवा में बड़ा गणपति मंदिर का प्रांगण शादियों के कार्ड से भरा रहता था लेकिन लॉकडाउन के चलते आज खाली पड़ा है.
हर साल शादियों के सीजन में इस मंदिर का आंगन विवाह पत्रिकाओं और शुभ-मंगल कार्यों की आमंत्रण पत्रिकाओं से भरा पड़ा रहता था लेकिन लॉकडाउन ने शादियों पर रोक लगा दी है. इसके चलते पिछले दो माह से बड़ा गणपति का यह आंगन सूना पड़ा हुआ है.
मंदिर के पुजारी कमलेश शर्मा के अनुसार एक परम्परा चली आ रही है जिसके चलते नगर में किसी भी हिन्दू परिवार में शादी, गृह प्रवेश, भागवत कथा, मुंडन संस्कार सहित कई अन्य प्रकार के धार्मिक आयोजन की पहली आमंत्रण पत्रिका बड़ा गणपति को चढ़ाई जाती है, इसलिए पूरा शहर इन्हें प्रथम पुज्य बड़ागणपति के रूप में पूजता है. इनके आर्शीवाद से होने वाले धार्मिक आयोजन बिना किसी रूकावट के सम्पन्न भी होते हैं. इसके चलते हर साल शादियों के सीजन में पूरा मंदिर का गर्भगृह विवाह पत्रिकाओं से भर जाता था लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन हुआ और इस वजह से इस बार मंदिर में विवाह पत्रिकाओं से सजने वाला गणपति का यह आंगन सूना पड़ा हुआ है.