आगर मालवा। जिले में सुसनेर क्षेत्र के दो नवदंपति जोड़ों ने गायत्री पद्धति से आदर्श विवाह करके वैवाहिक जीवन की शुरूआत की है. इन्होंने ना सिर्फ इस पद्धति से शादियों में होने वाले फिजूल खर्च को रोका है, बल्कि समाज में दहेज लेने जैसी कुरूतियों को भी नकारा है.
शादियों में होने वाले फिजूल खर्च को रोक, नवयुगलों ने गायत्री पद्धति से रचाया आदर्श विवाह - दहेज
आगर मालवा में दो नए जोड़ों ने गायत्री पद्धति से आदर्श विवाह करके वैवाहिक जीवन की शुरूआत की है. इन दोनों शादियों में खास बात ये रही कि इनमें दहेज नहीं लिया गया.
शहर के पियूष भावसार ने उज्जैन के गायत्री शक्तिपीठ पहुंचकर इंदौर की शिवानी भावसार से आदर्श विवाह रचाया. यहां पर रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही दोनों दुल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे का साथ निभाने के लिए स्टाम्प पर अपनी स्वीकृति भी दी. दूसरा विवाह अखिल विश्व गायत्री परिवार ने प्रज्ञा कुंज आमला में कराया. यहां सोंधिया समाज के दुल्हा विक्रम सिंह और दुल्हन सुधा ने
एक दूसरे का हाथ थामकर गायत्री पद्धति से विवाह करके दाम्पत्य जीवन की शुरूआत की.
इन दोनों शादियों में खास बात ये रही कि इनमें दहेज नहीं लिया गया. विवाह के दौरान सातों वचनों का अर्थ बताकर गायत्री परिवार के पंडितों ने वैवाहिक जीवन सुखी एवं समृद्ध कैसे बनाया जाए इस बारे में भी समझाया गया.