आगर मालवा। एक तरफ महिलाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य सरकार दावे कर रही है. वहीं दूसरी तरफ आए दिन जिला अस्पताल की लापरवाही देखने को मिल रही है. एक ओर सरकार दावा करती है कि आप कही भी रहे अगर प्रसव जैसी स्तिथि निर्मित हो तो जिला अस्पताल तक लाने और प्रसव के बाद फिर से घर छोड़ने के लिए अस्पताल में 24 घंटे जननी एक्सप्रेस मौजूद रहेगी, आप बस 108 पर कॉल करें और वाहन आपकी सुविधा में उपलब्ध हो जाएगा, लेकिन दुर्भाग्य है कि यह सिर्फ सरकार के दावे है असली हकीकत तो कुछ और ही है.
स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, जननी एक्सप्रेस के इंतजार में घंटों धूप में खड़ी रहीं प्रसूताएं
एक ओर सरकार दावा करती है कि आप कही भी रहें, अगर प्रसव जैसी स्तिथि निर्मित हो तो जिला अस्पताल तक लाने और प्रसव के बाद फिर से घर छोड़ने के लिए अस्पताल में 24 घंटे जननी एक्सप्रेस मौजूद रहेगी, वहीं दूसरी तरफ आए दिन जिला अस्पताल की लापरवाही देखने को मिल रही है.
बता दें कि आगर मालवा के भीमपुरा की रहने वाली संगीता को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल स्थित प्रसूता वार्ड में भर्ती कराया गया था. संगीता को जिला अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, और उसके पति गोविंद ने सुबह 8 बजे जननी वाहन के लिए कॉल किया था, वहां गरबड़ा गांव की श्यामू बाई, सुसनेर की हसीना बी सहित करीब डेढ़ दर्जन प्रसूताएं अपने नवजात शिशु के साथ अस्पताल के बाहर जननी एक्सप्रेस का इंतजार करती रहीं. लेकिन जननी एक्सप्रेस का कोई पता नहीं चला, जिसके बाद निजी वाहनों से परिजनों ने प्रसूताओं को घर पहुंचाया.
NSUI के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर का कहना है कि, शिवराज सरकार में जननी वाहन की सुविधा काफी बदहाल है, मैं स्वयं यहां जिला चिकित्सालय में पिछले 2 घंटों से खड़ा था और यहां प्रसूताएं परेशान हो रही हैं. जननी वाहन के चालकों से बात करने पर वह अलग-अलग शहर के बता रहे हैं, वहीं पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग के किसी जिम्मेदार अधिकारी ने कोई सन्तुष्टजनक जवाब नहीं दिया है. आगर जिला चिकित्सालय की जननी वाहन की लोकेशन इंदौर आना काफी चिंता का विषय है.