ईटीवी भारत डेस्क : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह समय-समय पर एक राशि (zodiac sign) से दूसरी राशि में संचरण करते हैं. साथ ही कुछ ग्रह वक्री और मार्गी गति से भी संचरण करते है. ग्रहों के राजा सूर्यदेव कुंडली में पद, पिता, मान-सम्मान आदि के कारक है. सूर्यदेव (lord sun transit) सिंह (leo zodiac sign) राशि के स्वामी हैं. मेष इनकी उच्च तथा तुला नीच राशि कही गई है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह समय-समय पर एक राशि से दूसरी राशि में संचरण करते हैं. साथ ही कुछ ग्रह वक्री और मार्गी गति से भी संचरण करते है. इसी प्रकार सूर्य अब कुंभ राशि (kumbha shankranti 2022) में प्रवेश करेंगे. सूर्य लगभग 30 दिन तक एक ही राशि में संचरण करते हैं.
सूर्य लगभग 30 दिन तक एक ही राशि में संचरण करते हैं. वर्तमान में ग्रहों के राजा सूर्य ग्रह मकर राशि में भ्रमण कर रहे हैं. सूर्य अब 13 फरवरी को कुंभ राशि (kumbha shankranti 2022) में प्रवेश करेंगे इसलिए कुंभ संक्रान्ति 13 फरवरी को है. इस परिवर्तन के साथ ही सूर्य कालपुरुष की कुंडली में एकादश भाव में गोचर करेंगे. एकादश स्थान को शुभ माना गया है. यह हमारे जीवन में वृद्धि का सूचक है. इस भाव से इच्छाओं की पूर्ति, आय, लाभ, सम्मान, वृद्धि, प्राप्ति, बड़े भाई-बहन, मित्र आदि का विचार किया जाता है.
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मुहूर्त और पूजा विधि
इस बार (kumbha shankranti 2022) कुंभ संक्रान्ति 13 फरवरी रविवार को सुबह 3:39 बजे सूर्यदेव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, इस दिन को कुंभ संक्रान्ति (kumbha shankranti 2022) के नाम से जाना जाता है. सूर्य देव का दिन रविवार, त्रिपुष्कर योग और प्रीति योग होने से कुंभ संक्रांति का महत्व और बढ़ गया है. कुंभ संक्रान्ति का पुण्य काल सूर्योदय से 12:30 बजे तक रहेगा.