आगर-मालवा। जिले में सरकारी स्कूल में पदस्थ कई शिक्षकों को स्कूल के बाद कोचिंग पढ़ाते तो आसानी से देखा है, लेकिन इन्हीं शिक्षकों में से कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो जनसेवा का कार्य करते दिखाई देते हैं. कक्षा पांचवी से आठवीं तक पढ़ने वाले गरीब वर्ग के बच्चों को पढ़ाने के लिए कुछ शिक्षकों ने एक समिति बनाई और उसे जय भीम निशुल्क कोचिंग क्लासेस नाम दिया गया.
कोचिंग सेंटर पर 4 शिक्षक नियमित रूप से बच्चों को पढ़ाते हुए दिखाई देते हैं, बता दें कि इस कोचिंग सेंटर की सबसे खास बात यह है कि यहां निशुल्क पढ़ाने वाले चारों शिक्षक शासकीय सेवा में कार्यरत हैं और अपने-अपने स्कूल में अध्ययन करवाने के बाद शाम को बच्चों को पढ़ाने के लिए आते हैं। गणित विषय डेनी सूर्यवंशी, विज्ञान विषय एमएल जांगड़े तथा हिंदी और सामाजिक विषय रविंद्र मेडा पढ़ाते हैं.
कोचिंग सेंटर की फीस चुका कर पढ़ाई करना हर किसी की बस की बात नहीं होती है, कई बच्चे ऐसे होते हैं जो कोचिंग की फीस जमा नहीं कर पाते हैं और ऐसे में उनकी पढ़ाई प्रभावित हो जाती है. ऐसे जो बच्चे फीस जमा नहीं कर सकते उनके लिए ही इन शिक्षकों ने छावनी स्थित अंबेडकर भवन में निशुल्क कोचिंग क्लास की शुरुआत की है. इस शुरुआत के पहले करीब 50 शिक्षकों तथा शासकीय कर्मचारियों ने स्वेच्छा से कोचिंग को शुरू करने के लिए सहयोग राशि एकत्रित की और एक समिति बनाकर इसका संचालन सौंपा.
निशुल्क कोचिंग में वर्तमान में बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ने आते हैं, शिक्षकों ने बच्चों के लिए यहां पर एक लाइब्रेरी भी स्थापित की है. जिसमें बच्चों को पढ़ाई की किताबें निशुल्क दी जाती हैं. साथ ही शिक्षकों ने यहां एक एलईडी भी स्थापित की है. जिसमे अब उन्हें डिजिटल शिक्षा प्रणाली भी पढ़ाया जाएगा.