मध्य प्रदेश

madhya pradesh

गौ- अभयारण्य होने का बावजूद सड़कों पर घूम रही हैं गाय, बन रही हैं हादसों का सबब

By

Published : Aug 20, 2019, 3:21 PM IST

एशिया का सबसे पहला कामधेनु गौ- अभयारण्य आगर जिले के सुसनेर के सालरिया गांव में है. इस गौ अभयारण्य की सौगात मिलने के बाद भी गौमाता सड़कों पर भटक रही है. वर्तमान सरकार इस गौ- अभयारण्य की सुध लेने वाला कोई नहीं है.

गौ- अभयारण्य होने का बावजूद सड़कों पर घूम रही गाय

आगर। एशिया का सबसे पहला कामधेनु गौ- अभयारण्य आगर जिले के सुसनेर के सालरिया गांव में स्थित है. लेकिन इस गौ- अभ्यारण की सौगात मिलने के बाद भी गौमाता सड़कों पर भटक रही है, दर-दर की ठोकरें खा रही है. बरसात के मौसम में भोजन तो दूर, ठिकाना तक नहीं मिल पा रहा है. एक ओर प्रदेश सरकार गांवों में गोशालाएं खोले जाने की बात कह रही है, तो वहीं दूसरी ओर वर्तमान सरकार विश्व के एक मात्र और पहले गौ अभ्यारण की सुध लेने को तैयार नहीं है.

इस गौ अभयारण्य में 6 हजार से भी अधिक गायें रखे जाने की क्षमता है, लेकिन अभ्यारण प्रशासन ने यहां पर 4 हजार गायें ही रख रखी है. अभयारण्य कई बार राशि की कमी से भी जुझता रहा है. इस वजह से यहां काम करने वाले मजूदरों को भी समय पर वेतन नहीं मिल पाता है. गायों को मिलने वाले भूसे की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो चुके हैं. इस वजह से गायों की स्थिति यहां पर भी ठीक नहीं है. गायों के रहने के लिए 24 शेड तो बना दिए गए है, लेकिन उसमें से मात्र 6 से 8 शेडों में ही गायों को रखा गया है, बाकी शेड खाली पड़े हैं.

गौ- अभयारण्य होने का बावजूद सड़कों पर घूम रही गाय

शासन ने 50 करोड़ से भी अधिक रूपए इस योजना में खर्च कर दिए है जिसमें सभी पशु शेडों के अलावा, अधिकारियों-कर्मचारीयों के क्वाटर्स और अनुसंधान केन्द्र, बायोगैस, आफिस शामिल है. पशु चिकित्सा विभाग, वन विभाग, पीडब्ल्यूडी, सौर ऊर्जा, कृषि विभाग सहित कुल 9 विभाग के अलग- अलग कार्य इसमें शामिल है. आज भी राशि के अभाव में अभयारण्य जूझ रहा है. सड़कों पर घूमती गायों को स्थाई ठिकाना आज तक नहीं मिल पाया है. आज भी सैंकड़ों की संख्या में मवेशियों का झुण्ड सड़कों पर दिखाई देता है. सड़कों पर मवेशियों को बचाने के चक्कर में कई वाहन चालक घायल हो भी चुके है. प्रतिदिन गायें मर रही है.

24 दिसम्बर 2012 को सुसनेर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम सालरिया में 50 करोड़ से भी अधिक की लागत से 472 हेक्टेयर भूमि क्षेत्रफल में आरएसएस प्रमुख मोहन भावगत और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने विश्व के पहले कामधेनु गौ- अभयारण्य की आधारशिला रखी थी. इस गौ अभयारण को गौ-तीर्थ बनाने का सपना लेकर भूमिपूजन किया था. उसके बाद 27 सितम्बर 2017 को आनन-फानन में संसाधनों के अभाव में ही इसका शुभारंभ कर दिया गया था. उसके बाद गौ अभयारण शुरू तो हो गया किन्तु आज तक इसका संचालन ठीक से नहीं हो रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details