आगर। सावन का महीना शुरू होते ही शिवभक्तों का धामों में दर्शन और जलाभिषेक का दौर शुरू हो गया है. इस पवित्र महीने में कांवड़िए महादेव का अभिषेक करने के लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलते हैं. कांवड़िए बोल-बम, जय शिव शंभू, हर-हर महादेव के जयघोष लगाते हुए आस्था की कांवड़ अपने कंधों पर उठाते हैं. आगर जिले के सुसनेर में बोलबम कांवड़ यात्रा संघ के कांवड़ियों ने कंठाल नदी का जल लेकर ओंकारेश्वर महादेव का अभिषेक करने निकले हैं.
बोलबम ने जयकारों से गूंजा आसमान, तीन सौ किलोमीटर पैदल चलकर करेंगे ओंकारेश्वर का जलाभिषेक
आगर जिले के सुसनेर में बोलबम कांवड़ यात्रा संघ के कांवड़ियों ने कंठाल नदी का जल लेकर ओंकारेश्वर महादेव का अभिषेक करने निकले हैं. आगर शहर की सुख-स्मृद्धि व अच्छी वर्षा के लिए बोलबम कांवड़ यात्रा संघ के तत्वाधान में मंगलवार को यह 15 वीं कांवड़ यात्रा निकाली गई
आगर शहर की सुख-स्मृद्धि व अच्छी वर्षा के लिए बोलबम कांवड़ यात्रा संघ के तत्वाधान में मंगलवार को यह 15 वीं कांवड़ यात्रा निकाली गई. यात्रा में शामिल 35 कांवड़ियों का जत्था सुसनेर से ओंकारेश्वर महादेव के लिए करीब 300 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर जलाभिषेक करेगा. मंगलवार सुबह नीलकण्ठेश्वर महादेव मंदिर में महारूद्राभिषेक करने के बाद यात्रा शुरू हुई. यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल होकर शहरवासियों ने यात्रियों को विदाई दी.
कांवड़ यात्रा संघ के अध्यक्ष कैलाश गुर्जर व पवन बिकुन्दीया ने बताया कि 300 किलोमीटर की पदयात्रा के दौरान सभी कांवड़ यात्री आगर बैजनाथ, महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग और फिर ओंकारेश्वर महादेव का जलाभिषेक करेंगे. 8 अगस्त को सुसनेर लौटते समय वे मां नर्मदा का जल अपनी कांवड़ में लेकर आएंगे और नीलकंठेश्वर महादेव का अभिषेक करेंगे. सुसनेर में निकाली गई कावड़ यात्रा का जगह-जगह शहरवासियों द्वारा पुष्पवर्षा व फलाहार से स्वागत भी किया गया.