आगर/मालवा। जिलें में सुसनेर का बोहरा समाज अन्न को बचाने की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है. धर्मगुरू डॉक्टर सैयदना मोहम्मद बुरानुद्दीन व आलिकदर सैयदना मुफद्दल सेफुद्दीन की बताई राह पर चलते हुए समाज न केवल अन्न की बचत कर रहा है, बल्कि उस बचत से कई भूखों की भूख मिटाने में मददगार बना हुआ है.
धर्मगुरू की राह पर चलकर बोहरा समाज लोगों को दे रहा अन्न बचाने की सीख
शगर के सराफा व इतवारीया बाजार क्षेत्र में रहने वाले 20 परिवारों के बोहरा समाज जनों के द्वारा प्रतिदिन एक समय का एक स्थान पर खाना बनाया जाता है. यह खाना समाज के किसी भी एक परिवार के द्वारा अपने घर पर बनाया जाता है और उसी परिवार के द्वारा भोजन को टिफिन में भरकर घर-घर पर वितरित किया जाता है. जिस घर में भोजन बनता है, उस घर के सदस्यों के द्वारा समाज के प्रत्येक घर में टिफिन पहुंचाया जाता है.
8 सालों से चल रहा है सिलसिला
समाज के शब्बर हूसैन बोहरा व आशिक हुसैन बोहरा ने बताया कि यह परम्परा उनके धर्मगुरू के बताए मार्गों पर चलते हुए अपनाई गई है. एक जगह पर भोजन बनाकर कर पूरे समाज में टिफिन के जरिए वितरित करने का यह सिलसिला पिछले 8 सालों से चला आ रहा है. समाज के सभी परिवार इसमें अपना सहयोग प्रदान करते हैं. इसमें कुछ राशि संबंधित परिवार के द्वारा मिलाई जाती है, तो कुछ राशि धर्मगुरू की ओर से आती है.
बोहरा समाज के सचिव हाजी मुल्ला सेराज हुसैन ने बताया कि घर-घर भोजन बनने व एक जगह सभी का इकट्ठा भोजन बनने से करीब 25 फीसदी भोजन की बचत होती है. इसके साथ ही हर घर में एक जैसा भोजन समाज में भेद-भाव को मिटाने वाला होता है. बोहरा समाज जन अपने धर्मगुरू के बताए मार्ग पर चलकर इस कार्य को कर रहा है और इससे समाज में जागरूकता भी आ रही है.