आगर मालवा। प्रसिद्ध बाबा बैजनाथ की शाही सवारी सावन के अंतिम सोमवार को निकाली गई. कोरोना ने बाबा की सवारी में ऐसा खलल डाला कि जहां हर साल बाबा की शाही सवारी में 50 हजार से अधिक लोग आते थे. वहां आज महज कुछ लोग सवारी में पहुंच पाए. हालांकि जल्दबाजी में निकाली गई यह शाही सवारी महज 3 घंटे में ही समाप्त हो गई. जबकि हर साल सवारी पूरे 9 घण्टे शहर में ही भ्रमण करती थी. इतना ही नहीं सवारी को भक्तों के दर्शन के लिए पूरे शहर में भी नहीं निकाला गया.
बाबा बैजनाथ की शाही सवारी बाबा बैजनाथ की शाही सवारी 9 बजे एएसपी कमल मौर्य, एसडीएम महेंद्र कवचे सहित मुख्य पुरोहित ने विधिवत रूप से बाबा बैजनाथ की पूजा की. जिसके बाद बाबा को पालकी में बैठाया गया. बता दें कि हर साल पालकी को भक्त कंधे पर उठाकर निकालते थे, लेकिन इस बार पालकी को ट्रैक्टर-ट्रॉली में निकाला गया.
बाबा की पालकी के आगे भक्त मंडल के सदस्य झाड़ू से सफाई करते रहे. वही परंपरानुसार इस बार भी जिला जेल के सामने जेल अधीक्षक और पुलिसकर्मियों ने बाबा बैजनाथ को सलामी भी दी. इसके बाद शाही सवारी आगे बढ़ी.
शाही सवारी बैजनाथ धाम से निकलकर छावनी नाका, गांधी उपवन, दरबार कोठी रोड होते हुए बैजनाथ मंदिर पहुंची. जहां शाही सवारी का समापन हुआ. बता दें कि हर साल शाही सवारी बैजनाथ मंदिर से छावनी नाका, छावनी झंडा चौक, नाना बाजार, सराफा बाजार, बड़ा दरवाजा, अस्पताल चौराहा, तहसील चौराहा से होते हुए पुरानी कृषि उपज मंडी परिसर में समाप्त होती थी. जहां विशाल स्तर पर भोजन प्रसादी का आयोजन भी होता था, लेकिन इस बार सवारी ने मुख्य शहर में प्रवेश ही नहीं किया.सवारी में एसडीओपी ज्योति उमठ, कोतवाली थाना प्रभारी हितेश पाटिल सहित बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मुस्तैद रहे. शाही सवारी का कई जगहों पर लोगों ने स्वागत किया.