मंडला। नैनपुर रेलवे जंक्शन एशिया का सबसे बड़ा नैरोगेज जंक्शन कहलाता था, जिसका इतिहास एक सदी से ज्यादा पुराना है. अब यहां से गुजरने वाली सभी लाइनों को ब्रॉडगेज में बदलने का काम किया जा रहा है. यह परिवर्तन इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि मंडला, बालाघाट छिंदवाड़ा सीधे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से जुड़ जाएगा और यहां आवागमन के साथ-साथ व्यापार के रास्ते भी खुल जाएंगे.
5 साल पहले शुरू हुआ गेज परिवर्तन का काम
बीते 5 साल पहले सौ साल से ज्यादा का सफर कर चुकी नैरोगेज लाइन पूरी तरह से बंद कर दी गई थी. इसके स्थान पर, बालाघाट से नैनपुर होते हुए जबलपुर, मण्डला फोर्ट से सिवनी, छिंदवाड़ा तक ब्राडगेज का काम शुरू किया गया था. अभी की स्थिती में नैनपुर से सिवनी, छिंदवाड़ा को छोड़कर सारी रेलवे लाइन का काम पूरा हो चुका है, जिनका सफल सीआरएस भी किया जा चुका है. वहीं जबलपुर से नैनपुर, चिरई डोंगरी तक लॉकडाउन में ट्रेनों का परिचालन भी शुरू हो गया था.
कितनी महत्वपूर्ण है यह लाइन
बंगाल या दक्षिण भारत से चलकर उत्तर दिशा को जाने वाली सभी ट्रेन अभी गोंदिया या नागपुर से वाया इटारसी होकर जाती है, लेकिन जब जबलपुर, नैनपुर के रास्ते होकर ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा, तो न सिर्फ ट्रेनों का समय बचेगा, बल्की 273 किलोमीटर की फेरी से भी यात्री बच जाएंगे. वहीं गुड्स ट्रेनों के लिए भी व्यय कम होगा, जिससे रेलवे की अच्छी खासी कमाई हो जाएगी.