भोपाल। लोकसभा चुनाव के अभी आए भी नहीं हैं, लेकिन इससे पहले ही मध्य प्रदेश की राजनीति में सत्ता परिवर्तन की अटकलें शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने परिणाम आने से पहले ही प्रदेश सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है और राज्यपाल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए पत्र भी लिख दिया है.
उनके द्वारा राज्यपाल को लिखे गए पत्र के जवाब में अब मुख्यमंत्री भी मैदान में उतर आए हैं, जहां एक तरफ उन्होंने कांग्रेस कार्यालय में सरकार की मजबूत स्थिति का दावा किया है, तो वहीं उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को पत्र के माध्यम से अपना जवाब भी भेज दिया है. कमलनाथ ने अपने पत्र में गोपाल भार्गव द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा है कि 17 दिसंबर 2018 से प्रदेश में सरकार बनते ही उन्होंने जनकल्याण के विषयों में तत्काल काम शुरु कर दिया था. वहीं उन्होंने पत्र में 21 लाख से अधिक किसानों के फसल ऋण माफ करने की बात कही है.