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उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय होगा पहला प्रदेश का पहला ग्रीन विश्वविद्यालय, 40 भवनों में लगाए जाएंगे सोलर प्लेट

उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय के सभी भवनों में सोलर प्लांट के माध्यम से बिजली का उत्पादन किया जाएगा. 100 प्रतिशत सोलर प्लांट से बिजली का उपयोग किया जाएगा. (electricity utilized from solar plant in ujjain)

electricity utilized from solar plant in ujjain
उज्जैन में सोलर प्लांट से उपयोग होगी बिजली

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Published : May 20, 2022, 10:09 PM IST

उज्जैन। उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला ग्रीन विश्व विद्यालय होगा. विश्वविद्यालय में 100 प्रतिशत सोलर प्लांट के माध्यम से बिजली का उत्पादन कर यूनिवर्सिटी को रोशन किया जाएगा. विश्व विद्यालय के प्रशासनिक भवन सहित 40 अलग-अलग जगह और बिल्डिंग्स पर सोलर प्लांट लगेगें. कुलसचिव ने सोलर प्लेट लगाने के लिए ऊर्जा विकास निगम को प्रस्ताव दिया है.निगम प्रस्ताव के आधार पर सर्वे कर रहा है. सर्वे होने के बाद सभी बिल्डिंगों में सोलर प्लेट लगाने का काम शुरू होगा. सोलर प्लांट लगने के बाद करीब डेढ़ सौ किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे विश्वविद्यालय की बिजली की सभी जरूरतें पूरी होंगी और बिजली के बिल में होने वाले खर्च की बचत होगी. (Ujjain Vikram University become first green university)

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करीब 150 किलोवाट उत्पादन का अनुमान:विक्रम विश्वविद्यालय में मुख्य प्रशासनिक भवन सहित 40 अन्य विभाग और क्लासेस भवन हैं. इन भवनों में बिजली खपत के कारण प्रतिमाह बिजली बिल का डेढ़ से दो लाख तक भुगतान होता है. बिजली के खर्च को बचाने के लिए अब विश्वविद्यालय प्रशासन सभी बिल्डिंग पर सोलर प्लांट लगाएगा. विश्वविद्यालय की करीब 40 बिल्डिंग में सोलर प्लांट लगाने का अनुमान है, जिसमें करीब 150 किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा. विश्वविद्यालय के अधीन विक्रम कीर्ति मंदिर भवन की छत पर लगे सोलर प्लांट से 10 किलो वाट और मुख्य प्रशासनिक भवन की एक छत पर लगे सोलर प्लांट से 5 किलो वाट बिजली का उत्पादन पहले से हो रहा है. सभी विभागों में सोलर प्लेट लगने के बाद बिजली उत्पादन होने से दायरा बढ़ जाएगा.

विश्वविद्यालय के माधव भवन सहित अन्य भवनों में सोलर प्लांट के लिए ऊर्जा विकास निगम को प्रस्ताव दिया गया था. इस प्रस्ताव के आधार पर विभाग के विशेषज्ञ विश्वविद्यालय में दौरा कर सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. सर्वे के बाद ये तय होगा कि किस भवन में कितनी बिजली खपत होती है. खपत के आधार पर उस भवन पर सोलर प्लेट लगाकर सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा की जा सकेगी. सोलर प्लांट से उत्पन्न बिजली विधुत विभाग को दी जाएगी, जिससे विश्वविद्यालय के बिजली बिल की बचत होगी. मौजूदा स्थिति में प्रशासनिक भवन सहित अन्य भवन में प्रतिमाह करीब 15 हजार यूनिट बिजली की खपत होती है, जिसके कारण विश्वविद्यालय को प्रतिमाह डेढ़ से दो लाख रुपए बिजली शुल्क अदा करना पड़ता है. सोलर प्लांट लगने के बाद बिजली के बिल कम होने से विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा.

-डॉ प्रशांत पौराणिक, कुलसचिव

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