उज्जैन।थ्री इडियट मूवी आमतौर पर सभी ने देखी होगी. इस मूवी में वायरस का किरदार निभाने वाले डॉ वीरू सहस्त्रबुद्धे अपने दोनों हाथों से लिखते थे. कुछ इसी तरह उज्जैन की एक महिला जो अपने दोनों हाथों से लिखतीं हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने बच्चे के लिए इंस्पिरेशन बनाना चाहतीं है. इसलिए वे कुछ ऐसा करना चाहतीं थी कि उनके बच्चे भी उनकी तरह बने.
सड़क हादसे में नाकाम हो गया था हाथ:उज्जैन की रहने वाली शिक्षिका मोनिका पांचाल कुल 8 तरह की अलग-अलग स्टाइल में से लिखना जानती हैं. दुर्घटना में शिक्षिका का सीधा हाथ नाकाम हुआ तो बाएं हाथ को सक्षम बनाया और दोनों हाथों से लिखने लगीं. एक स्कूल की इंग्लिश टीचर मोनिका पांचाल स्कूल जाते समय 22 दिसंबर 2013 को सड़क हादसे का शिकार हो गईं थीं. हादसे में ट्रक के नीचे आ जाने से मोनिका के सीधे हाथ ने काम करना बंद कर दिया था. लंबे उपचार के बाद भी उनकी कोहनी निकालनी पड़ी और चिकित्सकों ने प्लेट्स डालकर हाथ को काम करने लायक बना दिया, लेकिन मोनिका को मलाल था कि अब वे बच्चों को कैसे पढ़ा पाएंगी. उपचार के बाद भी हाथ अपनी 68 प्रतिशत कार्य क्षमता खो चुका था.
अक्षमता को बनाया चुनौती:मोनिका को जब लगने लगा कि ऐसे तो उनका कैरियर खत्म हो जाएगा, तो उन्होंने अपनी अक्षमता को एक चुनौती के रूप में लिया और उल्टे हाथ से लिखना सीखने लगीं. कोरोना के समय मोनिका पांचाल ने अपने उल्टे हाथों से लिखना शुरू किया, और धीरे-धीरे वे लिखने लगीं. इसके बाद उन्होंने अपने सीधे हाथ से भी लिखना शुरू किया. धीरे-धीरे मोनिका दोनों हाथों से लिखने लगीं. जब पहली बार उन्होंने उल्टे हाथ में कलम पकड़ी तो हाथ कांप रहे थे, शब्द नहीं बन रहे थे, लेकिन कुछ दिनों में उन्हें इसमें सफलता मिलने लगी. अब मोनिका पांचाल अलग-अलग आठ स्टाइल में दोनों हाथों से लिख सकती हैं.
पांचाल ने कहा परिवार का पूरा सहयोग: