उज्जैन(ujjain news)।निर्मोही अखाड़े के संत दादू आश्रम के महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज ने अन्न त्याग दिया है (Gyandas Maharaj on anshan). शिप्रा नदी (shipra river) को नाले और गंदगी से बचाने के लिए मंगलवार से ज्ञानदास महाराज ने अन्न त्यागा. उनका कहना है कि जब तक शिप्रा को बचाने के लिए सार्थक कदम नहीं उठाए जाते, और उज्जैन को पवित्र नगरी (holy city) घोषित नहीं किया जाता, तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे.
ज्ञानदास महाराज का अन्न त्याग
उज्जैन के मंगलनाथ रोड पर भगवान अंगारेश्वर मंदिर के पास दादू आश्रम के ज्ञानदास महाराज ने कहा, 'शिप्रा नदी की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है, कई नाले अब भी शिप्रा नदी में मिल रहे है, कई जगह पर शिप्रा नदी में काई जमा है, नदी मैली हो चुकी है, इसके बावजूद प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा है. करोडो रुपए खर्च करने के बावजूद शिप्रा नदी में दूषित जल मिल रहा है. जिसके कारण रामघाट पर गंदा पानी दिखाई देता है. महाकाल की नगरी उज्जैन में कुम्भ मेला लगता है इसके बावजूद शासन-प्रशासन इस शहर को पवित्र नगरी घोषित नहीं कर रहा है. इसके विरोध स्वरूप मंगलवार से अन्न का त्याग किया है. अब सिर्फ पेय पदार्थ जैसे दूध, जल और नारियल पानी ही ग्रहण करूंगा. जब तक मेरी दोनों मांगे पूरी नहीं हो जातीं'.