उज्जैन।बाबा महाकालेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां उनके दर्शन करने के लिए आते हैं. मान्यताएं हैं कि बाबा महाकाल के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं गया है, यहां सभी की मनोकामना पूर्ण होती है. बाबा महाकाल की रोज तड़के भस्म आरती होती है और इससे पहले बाबा महाकाल का श्रृंगार किया जाता है. उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. भस्म आरती में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और बाबा के स्वरूप के दर्शन करते हैं. आप भी घर बैठे बाबा के नए स्वरूप के दर्शन करें.
बाबा महाकाल का भस्म आरती श्रृंगार
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हर रोज सुबह होने वाली भस्म आरती में बाबा महाकाल को दूल्हे के रूप में तैयार किया जाता है, क्योंकि राजाधिराज बाबा महाकाल को उज्जैन का राजा कहा जाता है. बाबा महाकाल की भस्म आरती में सुबह सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध,दही, घी, शहद, पंचामृत, अभिषेक किया जाता है. इसके पश्चात भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा श्रृंगार किया जाता है. इसमें भगवान महाकाल को ड्राई फ्रूट से सजाया जाता है इसके बाद भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित की जाती है और भस्मी अर्पित होने के बाद भगवान महाकाल की आरती की जाती है. इस दौरान बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया जाता है.