उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओंं ने दिल खोलकर दान किया. एक सितंबर 2021 से लेकर एक सितंबर 2022 तक एक वर्ष के दौरान महाकाल मंदिर में 81 करोड़ रुपए से अधिक का दान आया है. इतनी बड़ी राशि दान आने का यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है. महाकाल मंदिर ने दान राशि में दानपेटी, विभिन्न दान रसीद, लड्डू प्रसाद के साथ ही मंदिर की धर्मशाला से प्राप्त आय शामिल की है. (ujjain donated more than 81 crores in a year)
Ujjain Mahakal Temple महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं ने दिया दिल खोलकर दान, एक वर्ष में 81 करोड़ से अधिक का दान - उज्जैन एक वर्ष में दोगुना हुआ महाकाल का खजाना
उज्जैन के महाकाल मंदिर की मान्यता और कीर्ति देश ही नहीं पूरी दुनियां में फैली हुई है. आदिदेव महादेव के 12 ज्योर्तियलिंग में एक महाकाल के दर्शनों के सौभाग्य से शायद ही कोई अछूता रहा होगा. उनकी इस महिला के कारण ही उनके भक्तों ने पिछले एक साल में 81 करोड़ रुपए का कुल दान करके एक नया रिकार्ड बनाया है. कोरोना काल के बाद महाकाल के खजाने में दोगुनी वृद्धि हो चुकी है. (Ujjain Mahakal Temple Devotees)
![Ujjain Mahakal Temple महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं ने दिया दिल खोलकर दान, एक वर्ष में 81 करोड़ से अधिक का दान Ujjain Mahakal Temple Devotees](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-16398390-thumbnail-3x2-ujjain.jpg)
देश विदेश से आते हैं श्रद्धालुः महाकाल के दर्शन के लिए हर रोज हजारों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते है. देश के हर राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर दर्शन लाभ लेते है. उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष भर भीड़ रहती है. बीते दो वर्ष कोरोना के कारण मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया था. जैसे ही लॉक डाउन हटा और प्रतिबंध समाप्त होने के बाद तो पर्व, त्योहारों के साथ ही सामान्य दिनों में भी महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने लगी. श्रद्धालुओं की श्रद्धा ने बाबा महाकाल के खजाने को पिछले वर्षो की तुलना में दोगुना भर दिया है. महाकाल मंदिर में एक सितंबर 2021 से 15 सितंबर 2022 के दौरान एक वर्ष 14 दिन में यह दान राशि मंदिर के अलग-अलग तरीके से मंदिर के खजाने में जमा हुई. यह आय अब तक का एक बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है. (ujjain Devotees donated generously)
श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर किया दानः भगवान महाकाल के प्रति अगाध श्रद्धा के कारण ही श्रद्धालु उद्योगपति हो या मजदूर अपनी हैसियत के मुताबिक भगवान के चरणों में दान अर्पित करते है. मंदिर में भेंटपेटी में नकद राशि, दान के लिए दिए चेक, ऑनलाइन भुगतान, पूजन अभिषेक की रसीद से, बाबा महाकाल के लड्डू प्रसाद और मंदिर की धर्मशाला में ठहर कर श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का खजाना भरा है. वैसे भी बाबा महाकाल का दरबार लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा-भक्ति, प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में सबसे बड़े कॉरिडोर और प्रतिवर्ष करोड़ों की आय वाले मंदिरों में शुमार है. (ujjain double increase treasury of mahakal in year)