उज्जैन।महाकाल लोक का लोकार्पण करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आएंगे. इसके बाद 12 अक्टूबर से श्रद्धालुओं के लिए इसे खोल दिया जाएगा. अयोध्या के राम मंदिर में जो पत्थर लगे हैं, वही यहां भी लगाए गए हैं. राजस्थान के जिस बंशी पहाड़पुर से अयोध्या के राम मंदिर, दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में नक्काशी की गई है, उसी पत्थर का उपयोग उज्जैन के महाकाल लोक में किया गया है. (Ujjain Mahakal Lok)
9 महीने में बना स्टोन म्यूरल: महाकाल लोक में सबसे बड़ा स्टोन म्यूरल भी लगाया गया है, जिसमें शिव विवाह की पूरी कहानी को दर्शया गया है. इस म्यूरल को बनाने में करीब 9 माह का समय लग गया. इसको बनाने के लिए 50 कारीगर लगे थे, और सप्त ऋषि के पास यह म्यूरल बनाया गया है. मुंबई में अब तक का सबसे बड़ा म्यूरल मेटल से बना 25 फीट का है, जिसे दादा साहेब फाल्के के रूप में बनाया गया था. लेकिन अब महाकाल पथ में शिव परिणय का स्टोन से बना म्यूरल देश में सबसे बड़ा 132 फीट और 6 फीट चौड़ा है. (Mahakal Lok unique experiment)
ऑडियो डिवाइस भी ले सकते हैं:उज्जैन में महाकाल लोक में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव की महिमा और उनकी कथाएं सुनने को मिलेंगी. भक्त इन्हें अपने मोबाइल पर ही सुन सकते हैं. ये कथाएं ऑडियो फॉर्मेट में होंगी. इसके लिए उमा नाम का एप डाउनलोड करना होगा. इसके लिए म्यूरल और स्कल्प्चर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा. स्मार्ट योजना के तहत बनने वाले इस कॉरिडोर में जो मूर्तियां बनाई गई है उनकी कुल लागत करीब 45 करोड़ आंकी गई है. इसको लेकर गुजरात और राजस्थान से आए कलाकार इस काम को अंजाम दिया है. महाकाल पथ में श्रद्धालु प्रवेश करते ही भगवान शिव की महिमा का गुणगान और भगवान शिव से जुड़ी कहानियां देखने को मिल सकेगी. (Mahakal Lok Audio format scan QR code)