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उज्जैन की बेटियों का कमाल: आर्थिक तंगी में भी नहीं मानी हार, अब मिलेगा खेल सम्मान

उज्जैन की तीन युवतियों का नाम अवॉर्ड के लिए घोषित किया गया है, ये वो युवतियां हैं, जो गरीब परिवार से आती हैं, जिन्होंने आर्थिक तंगी के बीच अपने प्रदेश का नाम रोशन किया है, किसी के पिता ड्राइवर हैं, तो किसी का घर सब्जी बेच कर चलता है.

respect for players
खिलाड़ियों का सम्मान

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Published : Aug 29, 2021, 12:36 PM IST

Updated : Aug 29, 2021, 12:43 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए खेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है. इसमें 13 खिलाड़ियों को एकलव्य पुरस्कार, 10 खिलाड़ियों को विक्रम अवॉर्ड, 3 खेल प्रशिक्षकों को विश्वामित्र अवॉर्ड और एक खिलाड़ी को स्व प्रभाष जोशी खेल सम्मान से नवाजा जाएगा.

खिलाड़ियों का सम्मान

उज्जैन की तीन बेटियों को मिलेगा अवॉर्ड

उज्जैन शहर के लिए गौरव की बात है की शहर की तीन बेटियां इन अवॉर्ड में नॉमिनेट हुई है, जिसमें बॉक्सिंग के लिए किसान की बेटी मंजू बम्बोरिया को विक्रम अवॉर्ड, मलखंभ में पूजा मालवीय को विक्रम खेल पुरूस्कार और स्वर्गीय श्री प्रभाष जोशी खेल पुरस्कार वैष्णवी कहार को मलखंब में दिया जाएगा.

बेटियों को सम्मान

शिक्षा मंत्री ने ने खिलाड़ियों को दी बधाई

ऐसी तीन बेटियां हैं, जिन्होंने शहर का मान बढ़ाया है, वो भी विपरीत परिस्थियों में, इसमें वैष्णवी कहार के पिता ठेला लगाकर सब्जी बेचने का काम करते हैं, तो मंजू के पिता किसान हैं और पूजा मालवीय के पिता नगर निगम में ड्रायवर के पद पर नौकरी में हैं, फिलहाल तीनों युवतियों के नाम की घोषणा होने के बाद अब उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी हैं.

मिलेगा अवॉर्ड

एक किसान की बेटी हैं मंजू बमोरिया

उज्जैन 75 किलोमीटर दूर खाचरोद की रहने वाली किसान की बेटी मंजू बमोरिया ने वर्ष 2018 में ही, जिले की ओर से खेलते हुए मप्र राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं, मूलरूप से खाचरौद की रहने वाली मंजू कृषक परिवार से हैं, कुछ वर्षों से मंजू द इंडिया कैंप दिल्ली और अभी बैंगलूरु में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. विक्रम अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुई मंजू अवॉर्ड मिलने से काफी खुश हैं और वे अभी बेंगलुरु में ट्रेनिंग कर रही हैं.

मंजू को मिले अब तक कई अवॉर्ड

बम्बोरिया विक्रम अवॉर्ड -2013 में स्पोर्ट्स क्लब ज्वाइन किया.

2013 में ही कोलकाता में नेशनल खेलते हुए कांस्य पदक मिला.

2014 बुल्गारिया में यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप खेली.

2015 में यूनिवर्सिटी में गोल्ड.

2019 में सीनयर केटेगरी में कर्नाटक में हुए नेशनल में कांस्य पदक मिला.

बीएफआई द्वारा आयोजित सेकेंड महिला इंडिया ओपन इंटरनेशनल टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता.

थर्ड एलआईट महिला नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2018 में मप्र की ओर से खेलते हुए कांस्य पदक जीता

वर्ष 2018 में ही जिले की ओर से खेलते हुए मप्र राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता

उज्जैन नगर निगम कर्मी की बेटी पूजा को विक्रम खेल अवॉर्ड मिला

उज्जैन के नगर निगम कर्मी की बेटी पूजा मालवीय को ओलम्पिक एशियन और राष्ट्रीय खेलों में नहीं खेले जाने वाले खेलों में व्यक्तिगत विक्रम खेल अवॉर्ड मिला है, जिसके बाद पूजा के घर उनके पिता बद्रीलाल मालवीय और माता लीला मालवीय के घर पर लगातार बधाई संदेश का तांता लगा हुआ है, पूजा के पिता बद्रीलाल ने बताया कि फिलहाल पूजा अमेरिका में एमएस की पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन उसने उज्जैन के लोटी स्कूल में मलखंभ सिखने की शुरुआत की थी, जिसके बाद लगातार उसने कई मेडल जीते हैं.

खिलाड़ियों का सम्मान

पूजा के पिता बद्रीलाल ने बताया: पूजा और उसके ग्रुप ने दो बार इंडिया गॉट टैलेंट भी जीता है, और एक बार नेशनल टीवी पर आने वाला कार्यक्रम इटर्नेटमेंट के लिए कुछ भी करेगा में रनर अप रही थी, पूजा ने बीई करने के बाद अमेरिका में एमएस करने चली गयी, तब से वो अमेरिका में रह रही है.

पूजा ने जीते कई अवॉर्ड

2018 -19 में पहली वर्ड मलखंभ चैम्पियनशिप मुम्बई में स्वर्ण जीता.

2017 -29 वि गर्ल्स नेशनल मलखंभ चैम्पियनशिप में स्वर्ण.

2017 -29 वि गर्ल्स नेशनल मलखंभ चैम्पियनशिप में स्वर्ण.

2017 -29 वि गर्ल्स नेशनल मलखंभ चैम्पियनशिप में स्वर्ण.

2018- 30 वि गर्ल्स नेशनल मलखंभ चैम्पियनशिप में रजत.

2018- 30 वि गर्ल्स नेशनल मलखंभ चैम्पियनशिप में रजत.

2019- 31 वि गर्ल्स नेशनल मलखंभ चैम्पियनशिप में कांस्य.

वैष्णवी कहार को मिलेगा स्वर्गीय श्री प्रभाष जोशी खेल पुरस्कार

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उज्जैन की गरीब परिवार की सब्जी बेचने वाले की बेटी वैष्णवी के घर के हालात अनुकूल नहीं होने के बावजूद बीते 11 वर्षों से मलखंभ खेल रही है, दरसअल वैष्णवी के पिता सब्जी का ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है, पूजा को अवॉर्ड मिलने की जानकारी जैसे ही मिली, उसके कोच और साथियों ने मुंह मीठा कराकर पूजा को बधाई दी, पूजा ने बताया कि वो बीते 11 वर्षों से मलखंभ खेल रही है, आगे जाने की इच्छा है, लेकिन घर परिस्थिति अच्छी नहीं है, जिसके कारण इच्छा है कि बस नौकरी लग जाए.

मलखम और योगा के लिए मिला अवॉर्ड

2018 में यूनिवर्सिटी अमृतसर में गोल्ड

2017 में चंडीगढ़ में सिल्वर

कुरुक्षेत्र में कांस्य पदक

2014 में उज्जैन में सिल्वर मेडल

2015 में सिल्वर

2017 गोल्ड मेडल

2018 में सतारा महाराष्ट्र में सिल्वर

2019 गोआ में ब्रॉन्ज मेडल

Last Updated : Aug 29, 2021, 12:43 PM IST

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