उज्जैन।केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में पैरोल पर छोड़े जाने वाले 46 कैदियों की रिहाई में देरी होने पर परिजनों ने हंगामा कर दिया. मुख्यालय ने कैदियों के पैरोल स्वीकृत किये थे. स्वीकृति मिलने के बाद रिहाई तय होने पर सभी के जमानतदार आए हुए थे. कई लोग सुबह से इंतेजार कर रहे थे, घंटों इंतेजार के बाद भी रिहाई नहीं होने पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. दो घंटा तक चले हंगामे के बाद जेल प्रशासन ने व्यवस्था बनाकर कैदियों को रिहा किया तब जाकर मामला शांत हुआ.
जेल प्रबंधन की उदासीनता
उज्जैन की जेल में विभिन्न अपराधों के मामलो में सजा काट रहे 46 कैदियों की पैरोल का समय आने पर जेल प्रशासन को आवेदन दिया था. यह आवेदन अधिकारियों ने मुख्यालय को भेज दिया था, सभी की पैरोल मंजूर हो गई थी. जेल अधिकारियों ने कैदियों को देखकर अपने जमानतदारों को बुलाने को कहा था. उनके आने के हिसाब से जेल प्रशासन को कैदियों की रिहाई की व्यवस्था करना थी, लेकिन उनके आने की सूचना को जेल कर्मचारियों ने गंभीरता से नहीं लिया और एक साथ 46 कैदी के करीब 100 जमानतदार और परिवार के लोग जेल परिसर में इक्कठा हो गए.
कर्मचारी पर लगाए रिश्वत के आरोप
एक साथ इतने कैदियों के जमानत के दस्तावेज तैयार करने में शाम हो गई. यह देखकर वहां सुबह से इंतेजार कर रहे परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और जेल परिसर में हंगामा कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि जेल कर्मचारी कैदी की रिहाई के नाम पर 1500 रुपए मांग रहा है और नहीं देने के कारण ही कैदियों की रिहाई नहीं हो रही है. परिजनों में से कुछ लोगों ने जेल डीआईजी राम पटेल से शिकायत की. जानकारी मिलने पर पटेल ने सुपरिटेंडेंट उषा राजे से चर्चा की. इसके बाद अधीक्षिका ने दस्तावेज तैयार करवा कर कैदियों को रिहा करवाया.