उज्जैन। एक तरफ कोरोना से लड़ने के लिए तमाम तैयारियां की जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर गांवों और छोटे कस्बों की स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे छोड़ दी गई हैं, जिस कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. ऐसा ही कुछ हाल है उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील मुख्यालय और वहां के गांवों का, जहां स्वास्थ्य सुबिधाएं बेहाल हैं, वहीं इसका असर लोगों की जेब पर भी पड़ रहा है.
भगवान भरोसे कस्बों की स्वास्थ्य सेवाएं, मरीज हो रहे परेशान
उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील मुख्यालय और वहां के गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे छोड़ दी गई है, जिस कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है.
घट्टिया समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बात करें तो इसे 1 जून से मात्र एक लैब टेक्नीशियन के दम पर छोड़ दिया गया है. यहां पहुंचे मरीजों की किसी तरह की जांच नहीं हो रही, जिस कारण लॉकडाउन में तबाह हुए लोगों को मजबूरन छोटी सी जांच के लिए उज्जैन जाना पड़ रहा है, जहां उनकी जेब पर और भी अधिक दबाव बन रहा है.
प्रशासन की इस लापरवाही से सबसे ज्यादा परेशानी डिलिबरी के लिए पहुंच रही महिलाओं को हो रही है, जो इस हालात में भी इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं, वहीं अधिकारी भी मात्र दिलासा दे रहे हैं. घट्टिया के बीएमओ अनुज शाल्या ने बताया कि कलेक्टर को अवगत करा दिया गया है, जल्द ही अरेंजमेंट किया जाएगा.