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इस दर्द का इलाज बताओ ! जब सुबह 4:30 बजे सूख गई सांसें - उज्जैन न्यूज

सभी जानते हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है. लेकिन सरकार ये मानने को तैयार नहीं है. अब सरकार की पोल खोलने के लिए अस्पताल खुद सामने आ रहे हैं. अस्पताल खुलकर कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की भारी कमी है. इससे कोरोना मरीजों की मौत हो रही है.

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इस दर्द का इलाज क्या?

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Published : Apr 13, 2021, 9:08 PM IST

उज्जैन। राज्य के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और उनके सिपहसालार दावा करते नहीं थकते, कि सबकुछ ठीक है. अस्पतालों की ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी नहीं है, अस्पतालों में पर्याप्त बेड हैं. इन दावों पर यकीन तो पहले भी करना मुश्किल थाा, अब अस्पताल भी खुलकर कह रहे हैं ऑक्सीनज की भारी कमी है.

सुबह 4:30 बजे सूख गई स्टाफ की सांसें

सीएम शिवराज और उनके सिपहसालार बार बार कह रहे हैं कि प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं है. जिलों के कलेक्टरों ने भी इसके आदेश दे रखे हैं. लेकिन हकीकत में ऐसा हो नहीं रहा.उज्जैन के RD गार्डी मेडिकल कॉलेज के डीन एमके राठौर बताते हैं कि आज सुबह 4:30 बजे ही ऑक्सीजन खत्म होने का अलार्म बजा, तो पूरे स्टाफ की सांस सूख गई. तुरंत प्रशासन से संपर्क किया, तो आला अफसर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने 50 सिलेंडर मंगवाए. डॉक्टर राठौर ने बताया सच तो ये है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है. यही हाल रहा तो 140 बेड चलाना मुश्किल हो जाएगा.

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₹4500 का सिलेंडर ₹15000 में मिल रहा

ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड पहले से 10 गुना तक बढ़ गई है. ऐसे में इनके दाम भी बेतहाशा बढ़ गए हैं. पहले जम्बो सिलेंडर ₹4500 में आता था. अब वही सिलेंडर ₹15000 में मिल रहा है. सप्लायर कहता है इससे कम में नहीं मिलेगा, चाहे लिखकर ले लो. इतना महंगा सिलेंडर लेने के बाद भी regular और पर्याप्त supply नहीं हो पा रही है.

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सरकार पर 19 करोड़ बकाया

सरकार पर 19 करोड़ बकाया

डॉक्टर राठौर ने एक दर्द बयां किया. उन्होंने बताया कि कोरोना की पिछली लहर में सरकार ने हमारे अस्पताल को अपने charge में ले लिया था. यहां कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा था. अनुबंध के तरह अस्पताल को सरकार से 19 करोड़ रुपए मिलने थे. जो अभी तक बकाया है. सरकार ने इसका भुगतान नहीं किया है. इससे अस्पताल पर भी आर्थिक दबाव बढ़ रहा है. एक limit के बाद हम भी इसे झेल नहीं पाएंगे.

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