उज्जैन।महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर ही नागचंद्रेश्वर मंदिर (Nagchandreshwar Mandir) स्थित है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे सिर्फ नागपंचमी के दिन 24 घंटे के लिए खोला जाता है. नागपंचमी पर्व (Naga Panchami) पर नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन का महत्व होने से उस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. मंदिर के दर्शन के लिए एक स्मार्ट 3D सेतु (फुट ओवर ब्रिज) का निर्माण किया जा रहा है. निर्माण कार्य शुरू किये जाने के लिए महाकाल मंदिर में भूमि पूजन किया गया.
भूमिपूजन में ये रहे शामिल: भूमि पूजन में उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया, महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, महंत विनीत गिरी जी महाराज, प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरू, राजेन्द्र शर्मा (गुरू) मौजूद रहे. जबकि मंत्री मोहन यादव और विधायक पारस जैन वर्चुअली रूप से भूमिपूजन कार्यक्रम से जुड़े. मोहन यादव ने सेतु निर्माण के भूमि पूजन और निर्माण की सभी को शुभकामनाएं दीं.
अस्थायी होगा सेतु:कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि महाकाल मंदिर परिसर स्थित विट्ठल पंढरीनाथ मंदिर से नागचंद्रेश्वर मंदिर की छत तक 27 मीटर 422 MM (लगभग 91 फीट) लंबा व 10 फीट चौड़ा सेतु होगा. जिसमें 5 फीट आने व 5 फीट जाने का मार्ग होगा. सेतु 5 खंबों पर बनेगा, जो पूर्ण रूप से अस्थायी होगा. इसका कोई भार प्राचीन मंदिर पर नहीं होगा. सेतु को लगाने के लिए मंदिर परिसर में 5 खंबे बनाये जाने वाले फाउण्डेशन की गहराई ढाई फीट होगी. ये फाउण्डेशन परिसर में इस प्रकार बनाया जायेगा जिससे कोई असुविधा न हो.
नागपंचमी के बाद हटाया जाएगा सेतु को:कलेक्टर आशीष सिंह (Ujjain Collector Ashish Singh) ने जानकारी देते हुए कहा कि पहला व अंतिम खंबा 5.4 X 22 मीटर व बीच के तीन खंबे 4.5 X 1.4 मीटर के होंगे. पर्व के अवसर पर इसे लगाया जायेगा. पर्व समाप्ति के बाद सेतु को पूर्ण रूप से हटा लिया जा सकेगा. सेतु के कारण मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी व सोमवार को नागपंचमी होने से ना महाकालेश्वर भगवान की सवारी में भी असुविधा होगी और ना ही नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन बाधित होंगे. नागपंचमी 2 अगस्त को है, सेतु का कार्य पर्व से पहले पूरा कर लिया जाएगा.