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चंबल हादसे में 9 लोगों की मौतः तीन बहनों की आनी थी बारात, अब सिर्फ दो की उठेगी डोली

राजस्थान के कोटा शहर से उज्जैन जा रही बारात की एक कार चंबल नदी की रियासत कालीन पुलिया से नदी में गिर गई, जिसमें सवार दूल्हे समेत 9 लोगों की मौत हो गई है. (Car Fell In Kota Chambal River)

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कोटा से उज्जैन आ रही बारात दर्दनाक हादसे की शिकार

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Published : Feb 20, 2022, 11:37 AM IST

Updated : Feb 20, 2022, 6:31 PM IST

कोटा/उज्जैन।राजस्थान के कोटा शहर से उज्जैन आ रही एक बारात की कार आज सुबह चंबल नदी में गिर गई. इस घटना में दूल्हे समेत 9 लोगों की मौत हो गई है. ये हादसा चंबल नदी की छोटी पुलिया पर हुआ है. यहां से गुजर रहे लोगों ने कार को जब नदी में गिरा देखा, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. पुलिस के कंट्रोल रूम से ही नगर निगम की रेस्क्यू टीम को जानकारी मिली है, जिसके बाद रेस्क्यू शुरू किया गया.

कोटा से उज्जैन आ रही बारात दर्दनाक हादसे की शिकार, चंबल नदी में गिरी कार, दूल्हे समेत 9 लोगों की मौत

बारात चौथ का बरवाड़ा से उज्जैन जा रही थी

रेस्क्यू में 9 लोगों के शव को बाहर निकाला गया है. सभी की मौत पानी में डूबने से हुई है. कार किस तरह से नदी में गिरी इस संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. पुलिस ने सभी व्यक्तियों के शव को कब्जे में लेकर एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. नगर निगम के गोताखोर विष्णु श्रृंगी और चालक सुरेश मंडावत ने बताया कि बारात चौथ का बरवाड़ा से उज्जैन जा रही थी. इन लोगों की बात सुबह 5:00 बजे अपने परिजनों से किसी होटल पर चाय पीते समय हुई थी. उसी के बाद हादसा होने की बात सामने आ रही है.

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केशोराय पाटन से होते हुए बूंदी रोड से इन लोगों ने कोटा शहर में प्रवेश लिया था और चंबल की रियासत कालीन बिना मुंडेर की छोटी पुलिया से गुजर रहे थे. ऐसे में कार अनियंत्रित होकर पानी में गिर गई. दूल्हे का नाम अविनाश बाल्मीकि बताया जा रहा है. ऐसे में जब सुबह किसी व्यक्ति ने पानी में गाड़ी को देखा, तब घटना की जानकारी पुलिस को दी गई उसके बाद रेस्क्यू शुरू हुआ. पुलिस ने गाड़ी के नंबर के आधार पर उनके परिजनों से संपर्क किया. ऐसे में अब बारात वापस लौट गई है.

मृतक दूल्हा और उसके भाई चौथ का बरवाड़ा के निवासी

जानकारी के अनुसार कार चालक चौथ का बरवाड़ा निवासी है. वहीं हादसे में मृत दूल्हा और उसके भाई भी चौथ का बरवाड़ा निवासी है. परिजनों का कहना है कि वह तो दुल्हन लाने के लिए घर से निकले थे, लेकिन भगवान को कुछ भी मंजूर नहीं था. दूल्हा बनकर गया अविनाश वापस नहीं आएगा, ऐसा किसी ने भी नहीं सोचा था. चंबल नदी में अभी भी रेस्क्यू अभियान जारी है. मृतकों में दूल्हा और उसके भाई की भी मौत हुई है. मृतकों में छह लोग जयपुर निवासी हैं. जबकि 3 लोग चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर निवासी हैं. सभी के शवों की पोस्टमार्टम प्रक्रिया एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में की जा रही है.

घटना में मारे गये लोगों के नाम

चौथ का बरवाड़ा निवासी दूल्हा अविनाश वाल्मीकि (23), उसका भाई केशव (30), वाहन चालक इस्लाम खान (35), टोंक फाटक जयपुर गौतम नगर हरिजन बस्ती निवासी कुशाल (22) पुत्र राजेश कुमार, शुभम (23) पुत्र ज्ञानचंद, रोहित (22) पुत्र घनश्याम, जनता कॉलोनी घाटगेट निवासी विकास (24) पुत्र दिलीप, ट्रांसपोर्ट नगर जयपुर आमागढ़ निवासी राहुल (25) पुत्र रामबाबू और इंदिरा नगर बस्ती मालवीय नगर जयपुर निवासी मुकेश (35) पुत्र भंवर लाल गोचर शामिल है.

कोटा के जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से तत्काल राहत राशि जारी करने की बात कही है. साथ ही तुरंत सभी शवों के पोस्टमार्टम कर कर उन्हें भेजा जा रहा है. इनमें से दो एंबुलेंस जयपुर भेजी जा रही है. वहीं एक एंबुलेंस सवाई माधोपुर के चौथ के बरवाड़ा भेजी जाएगी. दुल्हन के परिजन संदीप ने बताया कि दूल्हा अविनाश और उनके भाई प्राइवेट तौर पर ही सफाई कार्य से जुड़े हुए थे.

उज्जैन की गौरी से हुई थी सगाई

दूल्हे अविनाश की सगाई भी 6 महीने पहले उज्जैन निवासी गौरी उर्फ जया से हुई थी. वहां भी तीन बहनों की शादी थी, जो पूरी तरह से मातम में बदल गई है. मोर्चरी के बाहर दूल्हे के परिजन और दुल्हन के परिजन भी पहुंच गए हैं. सभी का रो-रोकर बुरा हाल है. कोटा जिला प्रशासन सभी शवों का तुरंत पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंपने में जुटा हुआ है.

घर की 3 बेटियों की थी शादी, अब पसरा है मातम
उज्जैन के भैरू नाला क्षेत्र में रहने वाले सुभाष कलोसिया की तीन बेटियों की शादी रविवार को होनी थी. दो बेटियों की बारात शाम तक उज्जैन के विष्णु वाटिका में पहुचेंगी लेकिन जया की कोटा से आ रही बारात हादसे का शिकार हो गई. हादसे के बाद से परिवार में जहां शादी की खुशियां मातम में बदल गई. वहीं बाल्मीकि समाज भी शोक संतप्त है. समाज के संत उमेश नाथ जी महाराज ने दोनों परिवार से सयंम बनाए रखने को कहा है. समाज ने सुझाव दिया है कि जो विवाह के सामान हैं, उसे शिप्रा में प्रवाहित कर उस गुड़िया को नहलाया जाए और दो बेटियों की शादी रीति रिवाज के साथ की जाए.

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Last Updated : Feb 20, 2022, 6:31 PM IST

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