उज्जैन। केंद्र सरकार के कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश और मॉडल एक्ट में संशोधन के खिलाफ गुरूवार को प्रदेशभर के मंडी कर्मचारियों ने विरोध करते हुए एक दिवसीय सामूहिक हड़ताल की. उज्जैन में भी हड़ताल का खासा असर देखा गया. उज्जैन के कृषि उपज मंडी के सैकड़ों कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट के पास इकट्ठा होकर अपनी मांगें रखी और चेतावनी दी कि अगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है तो आने वाले समय में सभी कर्मचारी एकजुट होकर उग्र आंदोलन करेंगे.
मंडी निजीकरण के विरोध में कर्मचारी, कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया प्रदर्शन
प्रदेश सहित उज्जैन की कृषि उपज मंडियों के अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर रहे, 71 साल में पहली बार मंडी के अधिकारी कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लिया और काम बंद रखा.
कर्मचारियों का कहना है की मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार मंडी का निजीकरण कर रहे हैं, जिससे 50 हजार से अधिक व्यापारी हम्माल और 12 हजार से अधिक कर्मचारियों की जीविका पर संकट आ जाएगा. निजीकरण हो जाने से किसानों की उपज सस्ते में जाएगी और उन्हें मिल रही सुविधाएं या तो कम हो जाएंगी या महंगी हो जाएंगी.
बता दें केंद्र सरकार के कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश और मॉडल एक्ट के विरोध में संयुक्त मोर्चा मंडी बोर्ड मप्र के आह्वान पर गुरूवार को मंडी समिति के अफसर, कर्मचारी अवकाश पर रहे, इस दौरान प्रदेश भर में मंडियों पर काम ठप रहा.