उज्जैन।महाकाल की नगरी में हिंदू नव वर्ष यानी गुड़ी पड़वा की पूर्व संध्या पर शहीद पार्क स्थित राष्ट्रवादी लेखक व गीतकार मनोज मुंतशिर ने प्रस्तुति दी. उन्होंने दर्शकों की फरमाइश पर माता-पिता भगतसिंह, हलदीघाटी, महाराणा प्रताप, मोहनजोदड़ो, भगवान राम, माता सीता से लेकर श्री कृष्ण और अपने दिल टूटने पर लिखी पंक्तियां सुनाईं. साथ ही इल्तुतमिश द्वारा तोड़े गए प्राचीन स्थल का भी जिक्र किया. सुशांत सिंह राजपूत को याद करते बॉलीवुड में नेपोटिज्म को बढ़ावा देने वालों पर भी निशाना साधा.
भारत माता की जय से गूंजा स्थल: मनोज मुंतशिर की प्रस्तुति को सुनने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. इस मौके पर लोग लगातार जय श्री राम, भारत माता की जय, हर हर महादेव के जयकारे लगा रहे थे. इस दौरान उन्होंने लोगों के साथ खुलकर राष्ट्रवादी विचारों को साझा किया. मुगल और तुर्की पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें बताया गया कि शेरशाह सूरी, अकबर, खिलजी नहीं होते तो हम सिर्फ पत्ते लपेट कर नाच रहे होते. इन मूर्खों को कौन बताए इनके पहले मोहनजोदड़ो था, जो हम शहरों में व्यवस्थाएं देखते हैं यह उस मोहनजोदड़ो काल में थीं.
उच्च शिक्षा मंत्री ने किया ऐतिहासिक काम: मनोज मुंतशिर ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद देते हुए कहा मध्यप्रदेश के लिए जो किया वह ऐतिहासिक है. उन्होंने नई शिक्षा नीति लागू करवाई, जिसमें भगवद गीता, रामायण जैसे पवित्र ग्रंथों को पढ़ा जाएगा. सर्वश्रेष्ट माने जाने वाले राजा विक्रमादित्य, महा कवि कालिदास के बारे में नई शिक्षा नीति में पढ़ने का अवसर दिया है. उन्होंने कहा कि वह सच्चे इतिहास पर बहुत यकीन रखते हैं.
नेपोटिज्म पर हमलावर:मनोज मुंतशिर ने नेपोटिज्म पर कहा कि सुनो बड़े शहर और बड़े नाम वालों, अपने बड़प्पन का जुमला कहीं और जाकर बजाओ. हमारे तेवर से टकराओगे, तो टूट जाओगे. हम जानते हैं तुम पावर में हो तुम्हारे खरीदे हुए जौहरी हमको हीरा नहीं पत्थर कहेंगे. हम फिर भी चमकते रहेगें. उन्होंने कहा कि हुनर बोलता है प्रतिभा बोलती है इसलिए आप मुझे सुन रहे हैं, मुझे फर्क नहीं पड़ता, इन बड़े नाम वालो से. मनोज ने कहा नोट करते करते नेपोटिज्म कि स्याही खत्म हो जाएगी, लेकिन हमारे बाप दादा की मचाई हुई तबाही खत्म नहीं होगी. तुम वंशवाद की जमीन खोद दोगे तो हम बगावत का बीज बो कर निकलेंगे पर तुमसे हार नहीं मानेंगे.