उज्जैन। जिले में उन्हेंल तहसील के खाचरौद गांव में एक अनोखा रिवाज देखने को मिला, यहां गांव के सरपंच को गधे पर उल्टा बैठाकर पूरे गांव में घुमाया गया, और यह यात्रा श्मशान घाट पर खत्म हुई, जब इसकी वजह ग्रामीणों से पूछी गई, तो उन्होंने बताया कि ऐसा करने पर इंद्र देव खुश हो जाते हैं, और गांव में अच्छी बारिश होती है.
सरपंच को गधे पर बैठाकर घुमाया किसानों के लिए बारिश बेहद जरुरी
विज्ञान के इस दौर में एक ऐसा बड़ा वर्ग भी है, जो अब भी अंधविश्वास को मानता है, ऐसे-ऐसे जतन करता है, ताकि उनकी मनोकामना पूरी हो सके, हालांकि किसानों के लिए इस समय बारिश की सबसे ज्यादा जरुरत है, क्योंकि अभी धान की रोपाई होनी है, ज्यादातर किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
ढोल नागाड़ों के साथ सरपंच को गधे पर बैठाया
ग्रामीणों ने इंद्र देव को मनाने के नए नए नुस्खे निकलने भी शुरू कर दिए हैं, ग्रामीणों ने कुछ दिन पहले सरपंच पति को गधे पर उल्टा बैठाकर ढोल बाजे के साथ घुमाया, अब फिर एक बार ग्रामीणों ने शव यात्रा ढोल बाजे के साथ निकाली और शव के आस पास ग्राम के मुखिया को गधे पर उल्टा बैठा कर गोल फेरे लगवाया फिर पुतले का विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार कर इंद्र देव को मनाने के लिए प्रार्थना की.
टोटका करने से होती है बारिश-ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि वो इस तरह के टोटके इसलिए करते हैं, क्योंकि बड़े बुजुर्ग इस रीत को अपनाते थे, इसलिए वो भी उसी का पालन कर रहे हैं, जिसका असर भी होता है, ग्रामीणों की मानें तो इस टोटके बाद जल्द ही अच्छी बारिश होगी, ग्रामीणों ने कहा कि वो उज्जैनी पर्व भी मनाएंगे, जिसमें सभी ग्रामीण खुले में भोजन बनाएंगे और धूप ध्यान करेंगे.
उज्जैन के खाचरौद में गांव में धान की रोपाई किए 20 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं, बारिश ना होने से खेत में लगी फसलें खराब हो रही हैं, ऐसे में फसलें किसानों को चिंता में डाल रही थी, अच्छी बारिश की कामना को लेकर किसानों ने टोटके करना शुरू किये, क्योंकि कई किसानों ने बोवनी का कार्य पहले ही पूरा कर लिया है. ऐसे में बारिश नहीं होने से फसले मुरझाना शुरू हो गई थी.
इंद्रदेव को मनाने के लिए टोना-टोटका, गधे पर बैठे पटेल और सरपंच पति, देखें वीडियो
बारिश की कामना को लेकर ही ग्राम सण्डावदा में ये अनूठा टोटका किया गया, जिसमें गांव के पटेल को गधे पर बैठाकर कर घुमाया गया, बारिश के लिए अपनाया ये अनूठे टोटके के बाद बारिश शुरू हो गई, जिससे किसानों के चेहरे पर रौनक लौट आई है.