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मुरैना में 14 मौतों ने कुरेदा उज्जैन जहरीली शराब कांड का जख्म

मध्य प्रदेश के जिले मुरैना में 14 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हो गई है और 6 लोगों का इलाज जारी है, बीते साल ऐसी ही घटना उज्जैन से भी सामने आई थी. मध्य प्रदेश में चार माह के भीतर ऐसी दर्दनाक घटना दूसरी बार हो रही है. यहां आपको बता रहे हैं उज्जैन शराब कांड की कार्रवाई से जुड़ी कुछ खास जानकारी.

Ujjain poisonous liquor scandal
जहरीली शराब कांड

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Published : Jan 12, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Jan 12, 2021, 11:08 PM IST

उज्जैन:उज्जैन में जहरीली शराब कांड के तीन माह बाद ठीक ऐसा ही मामलामुरैना से सामने आया है, जिसमें जहरीली शराब ने 14 जिंदगियों को निगल लिया और 6 लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. इस मामले में सीएम शिवराज ने कहा कि जांच के तथ्य अभी आने हैं, लेकिन इतना पक्का है कि दोषी छोड़े नहीं जाएंगे, हम कठोर कार्रवाई करेंगे. महाकाल की नगरी उज्जैन में 14 अक्टूबर को से शुरू हुई जिंजर शराब कांड की कहानी 14 लोगों की मौत पर जाकर खत्म हुई थी. इस मामले की जांच करीब दो माह तक चली पुलिस अधिकारियों ने 60 दिनों में 1 हजार 571 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया और कुल 18 आरोपी बनाए गए. कोर्ट में सुनवाई के दौरान 170 गवाह जज के सामने पेश हुए थे.

एसआईटी का गठन

इतने बड़े घटनाक्रम को सीएम शिवराज सिंह ने संज्ञान में लिया और तत्काल भोपाल में एसआईटी का गठन किया और उज्जैन भेजा. एसआईटी की जांच रिपोर्ट में 12 मौत सामने आई. एसआईटी में शामिल तत्कालीन प्रमुख सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में एडीजी एसके झा, सहित डीआईजी सुशांत सक्सेना उज्जैन पहुंचे थे. इस मामले में कुल 18 मौतें हुई थी, जिसमें से 14 की पुष्टि एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने की थी. रिपोर्ट तैयार करने के बाद एसआईटी अधिकारियों ने तत्कालीन एसपी मनोज कुमार सिंह, एडिशनल एसपी रूपेश त्रिवेदी का ट्रांसफर कर दिया गया था. वहीं आबकारी उपनिरीक्षक सुनीता मालवीय, आरक्षक रोहित लोहरिया को निलंबित कर दिया था और नगर निगम सहायक अधिकारी केसी अग्निहोत्री तबादला भी किया गया था. सहायक आयुक्त सुबोध जैन को निलंबित किया था, सीएसपी रजनीश कश्यप को सस्पेंड कर दिया गया था इससे पहले एसपी मनोज कुमार सिंह ने भी तत्कालीन थाना प्रभारी एमएल मीणा, एसआई निरंजन शर्मा व अन्य रक्षकों को सस्पेंड किया था.


कहां से हुई शुरुआत कहां हुई छापामार कार्रवाई

छत्री चौक से इस मामले की शुरुआत हुई थी. यहां निगम के पुराने खंडहर में शराब बनाई जा रही थी. जांच के दौरान टीम को कुल 500 लीटर करीब शराब, 11 लीटर स्प्रिट, 25 लीटर हाथ भट्टी शराब, 1200 किलो महुआ पूरे मामले के बाद अलग-अलग जगह से पकड़ी थी. मेडिकल स्टोर और कराखानों पर भी कार्रवाई हुई थी. जहरीली शराब मामले में सबसे बड़ा खुलासा खाराकुंआ थाने के सामने पिंजरवाडी से हुआ था यहां वर्षों से शराब बनाई जा रही थी.

निगमकर्मी देते थे ट्रेनिंग

500 रुपए देकर निगम के अस्थाई कर्मचारी सिकंदरबाग, गब्बर लोगों को शराब बनाने का काम सिखाते थे. दोनों मुख्य आरोपियों के अवैध मकान को भी नगर निगम की टीम ने ध्वस्त कर चुकी है. इनका साथ अशोक नगर निवासी महिला निधि व तीन आरक्षक अनवर, नवाज और सुदेश खोड़े देते थे, जिसमें से सुदेश की भैरवगढ़ जेल में अज्ञात कारणों से मौत हो गई. इस मामले में सस्पेंड आरक्षक अनवर, नवाब खाराकुआ थाने में मामला दर्ज हुआ था, जिसके बाद महाकाल थाने के आरक्षक इंद्र विक्रम सिंह उर्फ बंटी को लाइन अटैच किया और सुदेश खोड़े को भी एसपी ने सस्पेंड कर मामला पंजीबद्ध किया था.

10 एमएल मेथनॉल कर देती ही इंसान को अंधा

शराब कांड में हुई मौत में एथनॉल के साथ मेथनॉल की ज्यादा मात्रा में मिलावट से हुई थी. इसकी पुष्टि एफएसएल अधिकारी प्रीति गायकवाड़ ने की थी. मेथनॉल शरीर के लिए रासायनिक जहर है, इसकी दस एमएल की मात्रा इंसान को अंधा बना देती है, इस मामले में मरने वालों के साथ भी यही हुआ था. मृतकों की विसरा रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी.

इनके हुए थे ट्रांसफर

एसपी मनोज कुमार सिंह, शहर एएसपी रूपेश दिवेदी, सहायक निगम आयुक्त सुबोध जैन, सहायक आबकारी आयुक्त केसी अग्निहोत्री का तबादला किया गया व आरक्षक इंद्र विक्रम सिंह उर्फ बंटी को बर्खास्त कर दिया गया था.

दो आरोपियों को मिली राहत

जहरीली शराब कांड में आरोपी बनाए गए फैक्ट्री मैनेजर संजय शर्मा को हाई कोर्ट से जमानत मिली है. वहीं एक अन्य आरोपी भी इस पूरे मामले में बरी हुआ है. संजय की फैक्ट्री से ही शराब बनाने के लिए स्प्रिट और अन्य केमिकल लेने की बात सामने आई थी.

Last Updated : Jan 12, 2021, 11:08 PM IST

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