मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / city

9 महीने बाद लौटी समद की 'धड़कन' ! - जिंदा हुआ समद उज्जैन

प्रशासन की लापरवाही ने एक जिंदा आदमी को मार दिया. एक व्यक्ति को कोरोना हुआ था. ठीक होकर वो घर चला गया. लेकिन इस बीच उसका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया.

samad got life
जिंदा हुआ समद

By

Published : Feb 3, 2021, 4:08 PM IST

Updated : Feb 3, 2021, 7:53 PM IST

उज्जैन । जिस व्यक्ति को प्रशासन ने कागजों में मार दिया था, वो फिर से जी उठा. समद नाम के व्यक्ति को कोरोना हुआ था. ठीक होकर वो अपने घर भी चला गया. लेकिन उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया. समद के परिजनों ने गलती की ओर ध्यान दिलाया, तो समद का मृत्यु प्रमाण पत्र 9 महीने बाद निरस्त किया गया.

लापरवाही की मार

भले चंगे को मार दिया !

67 साल के अब्दुल समद रामप्रसाद भार्गव मार्ग के रहने वाले हैं. 8 अप्रैल को उन्हें कोरोना हो गया था. उन्हें माधवनगर में भर्ती किया. इसके बाद आरडी गार्डी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया. सेहत सुधरी तो 25 अप्रैल को पीटीएस में शिफ्ट कर दिया. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद 2 मई को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. पीटीएस से आने के बाद अब्दुल समद 7 दिन तक होम क्वारंटीन रहे. ठीक होकर वे फिर से ऑटो चलाने लगे.

फिर कैसे जिंदा हुआ समद

9 महीने बाद लौटी धड़कन !

लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते दस्तावेजों में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. उप रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु ग्राम पंचायत सुरासा ने उनका डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया. सर्टिफिकेट में लिखा था...दिल की धड़कन बंद होने से मौत...परिवार के लोगों को जब इसके बारे में पता चला, तो कलेक्टर से शिकायत की. इसके बाद ग्राम पंचायत सुरासा हरकत में आई. पंचायत की टीम पहले आरडी गार्डी कॉलेज गई. समद के बारे में जानकारी ली. फिर पीटीएस में संपर्क किया. पता चला कि मरीज ठोक होकर घर चला गया. पंचायत की टीम समद के घर पहुंची. उसे देखा तो तसल्ली हुई. तब जाकर उनका डेथ सर्टिफिकेट निरस्त हुआ.

Last Updated : Feb 3, 2021, 7:53 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details