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Ujjain Mahakumbh: महाकाल की नगरी पहुंचे अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष, भू-माफिया को लेकर जताई नाराजगी

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Published : Jun 19, 2022, 9:08 AM IST

प्रत्येक 12 वर्ष में मोक्ष दायनी क्षिप्रा के किनारे सिंहस्थ महाकुम्भ मेला लगता है. देश विदेश से साधु संत नगरी में 1 माह तक रहते हैं. यहीं तपस्या करते हैं, आम जन भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं. ऐसे में वर्ष 2028 में लगने वाले महाकुम्भ की तैयारियों को लेकर अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज और राष्ट्रीय महामंत्री हरिगिरि महाराज महाकाल की नगरी पहुंचे.

Aakhada Parishad Ujjain
उज्जैन महाकुम्भ की तैयारियां

उज्जैन। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज और राष्ट्रीय महामंत्री हरिगिरि महाराज महाकाल की नगरी पहुंचे. दोनों ने क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान क्षेत्र में बसी हुई कॉलोनियों को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अगर भू-माफियाओं को सिंहस्थ क्षेत्र से नहीं हटाया गया, तो हिंदू एकत्र होकर खुद अतिक्रमण को हटाएगा. इतना ही नहीं राष्ट्रीय महामंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि पहले आक्रांताओं की वजह से 300 वर्ष सिंहस्थ नहीं लगा. अब यहां के मंत्रियों की वजह से नहीं लग पाएगा.

महाकाल की नगरी पहुंचे अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष

महाराज ने कसा तंज:अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री हरिगिरि महाराज ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि, 300 वर्ष तक उज्जैन में सिंहस्थ मेला आक्रांताओं के कारण बंद हो गया था. इसके बाद अब कुछ मंत्रियों की कृपा के कारण यह मेला समाप्त हो सकता है. जब पत्रकार ने पूछा कि क्या माना जाए आगामी समय में मेला नहीं लग पाएगा तो महाराज ने एक व्यंग कसते हुए कहा कि, एक मंत्री के कार्यकाल में लाखों एकड़ जमीन को डकारा जा रहा है. हालांकि, अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने महामंत्री के बयान को बैलेंस किया और कहा कि भू-माफिया के अतिक्रमण को हटाना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए तभी सिंहस्थ लग पाएगा.

Anti Mafia Abhiyan: सिंहस्थ मेले की जमीन पर अवैध कॉलोनी, प्रशासन ने लाखों के निर्माण को किया जमींदोज

ठंडे बस्ते में कार्रवाई: हाल ही में जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने एक आदेश जारी किया था इसमें लिखा था कि, 2016 सिंहस्थ के बाद सिंहस्थ क्षेत्र में बने पक्के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. कॉलोनाइजरों के विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज करने की बात कही गई थी. प्रशासन ने सर्वे के बाद 6 कॉलोनी और 350 मकान चिन्हित भी कर लिया था. कुछ के माकान भी तोड़े गए थे, लेकिन कार्रवाई फिर ठंडे बस्ते में चली गई.

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