सतना। बिरसिंहपुर तहसील में एक ऐसा विद्यालय है, जहां 3 छात्रों के लिए 3 शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसमे खास बात यह है कि, न तो विद्यालय में छात्रों का पता और न ही शिक्षकों का. शासन से तीनों शिक्षक सवा लाख से अधिक का वेतन लेकर लुफ्त उठा रहे हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो, शासकीय माध्यमिक विद्यालय हरदुआ कई महीनों से खुला ही नहीं और ना ही यहां पढ़ने वाले छात्र हैं. न ही कोई शिक्षक विद्यालय में आते हैं. यहां हमेशा ताला ही लटका मिलता हैं.
तीन छात्रों पर तीन शिक्षक पदस्थ तीन छात्रों पर तीन शिक्षक पदस्थ: मध्य प्रदेश सरकार जहां एक और शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करती है, वहीं शिक्षा की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. मध्यप्रदेश के सतना जिले के एक ऐसा विद्यालय है, जिसके बारे में सुनकर आप भी सरकार की शिक्षा नीति का सहज अंदाजा लगा सकते हैं. यह विद्यालय जिला मुख्यालय से महज 45 किलोमीटर दूर बिरसिंहपुर तहसील के हरदुआ ग्राम में स्थित शासकीय माध्यमिक शाला है. इस विद्यालय में 3 शिक्षक पदस्थ है, जिसमें प्रधानाध्यापक पद पर विनीता सिंह और सहायक शिक्षक अशोक तिवारी एवं प्राथमिक शिक्षक राम प्रभा त्रिपाठी हैं. विद्यालय में तीनों शिक्षकों को वेतन के रूप में सवा लाख से अधिक मिल रहा है.
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चुनाव के बाद से नहीं खुला विद्यालय: विद्यालय में अध्ययनरत वर्ष 2020 -21 के अनुसार छात्र संख्या तीन है, वर्तमान समय में इस विद्यालय में अभी किसी भी नए छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है. इस मामले पर स्थानीय लोगों की मानें तो, विगत कई महीनों से यह विद्यालय बंद पड़ा हुआ है. जब कभी इसका ताला कुछ समय के लिए खुला और उसी प्रकार फिर से बंद हो जाता है. यहां कोई भी छात्र पढ़ने नहीं आता है और ना ही कोई शिक्षक विद्यालय में दिखाई देता है. चुनाव के बाद से ही इस विद्यालय में अभी तक ताला लटका हुआ है. वहीं विद्यालय में पदस्थ शिक्षक शासन से मोटी रकम उठाकर अपने जीवन का आनंद उठा रहे हैं. ऐसे में यह शिक्षक शासन को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
संकुल प्रभारी ने झाड़ा पल्ला: विद्यालय के संकुल प्रभारी धर्मेंद्र गुप्ता ने बताया कि, हरदुआ विद्यालय में वर्तमान में 3 शिक्षक पदस्थ हैं. विद्यालय की प्रधानाध्यापक विनीता सिंह हैं, पिछले सत्र में विद्यालय में छात्र संख्या 3 थी, इसके अलावा नए छात्रों का प्रवेश अभी नहीं हुआ. विद्यालय खुलने का समय 10:30 का है, लेकिन शिक्षकों को 10:15 तक विद्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है. विद्यालय में ताला लगा होने पर संकुल प्रभारी ने शिक्षकों की लापरवाही बताया, विद्यालय में शिक्षकों को प्रयास करना चाहिए कि छात्र संख्या अधिक हो. लेकिन ऐसा नहीं है तो वह इसके लिए दोषी हैं. शासन ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसमें अपने कार्य के प्रति उनकी लापरवाही है. लेकिन वहां पर शिक्षकों के द्वारा लापरवाही तो की जा रही है, विद्यालय में ताला लगा होने पर संकुल प्रभारी अपना अलग राग अलाप रहे हैं. एक तो खुद वहां पर सब लापरवाही बता रहे हैं और फिर वह अपना पल्ला झाड़ते हुए कह रहे हैं कि, हम वहां पर जाकर निरीक्षण करेंगे अगर विद्यालय में ताला लगा है तो उसे देखूंगा.