सतना। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान देश भर में सबसे ज्यादा किल्लत ऑक्सीजन की हुई थी. प्रदेश में भी लगभग सभी जिलों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा था. भविष्य में ऐसी कोई परिस्थिति न बने इसलिए सरकार ने जिलों में ऑक्सीजन प्लांट बनाने का फैसला किया था, इसमें सतना जिला भी शामिल था. शासन ने यहां तीन ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए, लेकिन इसका काम ना के बराबर चल रहा है.
सतना जिले में शासन की मदद से तीन ऑक्सीजन प्लांट जिला अस्पताल में तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कार्य सिर्फ बेसमेंट तक ही पहुंचा है. कुछ लोगों ने आरोप भी लगाए हैं कि यहां जो कार्य चल रहा है, उसमें गुणवत्ता की कमी है.
तीन प्लांट किए जा रहे तैयार
सतना जिले में 3 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की शुरुआत हो चुकी है. पहला प्लांट 600 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का तैयार किया जाना है. दूसरा प्लांट 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का तैयार किया जाना है. इसमें पहले प्लांट को करीब 80 लाख के बजट से राज्य सरकार की मदद से तैयार किया जाना है और दूसरे प्लांट को करीब 75 लाख के बजट से मुख्यमंत्री राहत कोष से तैयार किया जाना है.
निर्माण कार्य केवल बेसमेंट तक ही सीमित
इन दोनों ऑक्सीजन प्लांट के बनाने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका कार्य केवल बेसमेंट तक ही सीमित है. इसका पूरा कार्य निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी को सौंपा गया है. इन दोनों प्लांटों के बेसमेंट को निर्माण एजेंसी PIU द्वारा बनाया जा रहा है, जिसमें पीडब्ल्यूडी की निर्माण एजेंसी PIU द्वारा 600 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन प्लांट के बेसमेंट को 9 लाख 56 हजार की लागत से तैयार किया जा रहा है, दूसरा 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन के बेसमेंट को 8 लाख 75 हजार की लागत से तैयार किया जा रहा है. सतना में ईटीवी भारत द्वारा ऑक्सीजन प्लांट कार्य का जब रियलिटी चेक किया गया तो तस्वीर कुछ और ही थी.
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