सागर।रबी की फसल की बुवाई के बाद किसान खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. इसके बाद भी उनके हाथ खाली हैं. प्रशासन व्यवस्था सुधारने और किसानों को खाद मुहैया कराने के लाख दावे कर रहा है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. एक तरफ किसान परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ जगहों में खाद की कालाबाजारी देखने को मिली. किसानों के हिस्से की खाद कोई और ही अपने रुतबे की बदौलत डकार रहा है. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करने की बात कही है. सीएम शिवराज ने किसानों को आश्वासन दिया है कि ऐसे आरोपियों को जेल भेजा जाएगा. वहीं इस मुद्दे पर अब राजनीति शुरू हो गई है. पक्ष-विपक्ष के नेता एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री ने किसानों को डीएपी का विकल्प तलाशने की भी समझाइश दी है.
किसानों को डीएपी का विकल्प तलाशने चाहिए : केंद्रीय मंत्री
सागर में शनिवार को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की मौजूदगी में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (DISHA) की बैठक आयोजित की गई. जिसमें खाद की कमी का मुद्दा जमकर उठा. जिसपर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने सलाह दी कि किसानों को डीएपी के दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए. डीएपी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होने के कारण हमें आपस में विचार-विमर्श कर उनके विकल्पों पर विचार करना चाहिए.
बैठक में जिला प्रशासन पर खाद वितरण में भेदभाव का आरोप लगाया गया. जिसको लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी प्रशासन से नाराजगी जताई. उन्होंने जिला प्रशासन से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जिले की सभी विधानसभाओं में बिना भेदभाव के खाद की व्यवस्था की जाए.
वैज्ञानिकों ने नैनौ यूरिया की दी सलाह
नैनो यूरिया का मतलब यह है कि इसे बहुत छोटे आकार में ज्यादा क्षमता के साथ तैयार किया गया है. इफको नैनो यूरिया तरल की 500 मिली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग यानी बोरी के बराबर है. इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी. नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है. जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी.
नैनो यूरिया तरल को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है. इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है. नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा. किसानों द्वारा नैनो यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे और मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी. इससे पैदावार भी बढ़ती है.
कालाबाजी करने वालों के खिलाफ NSA की कार्रवाई
खाद संकट के बीच इसकी कालाबाजारी की जानकारी सामने आ रही थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर नाराजगी जताई. साथ ही ट्विटर पर लिखा, 'प्रदेश में खाद की व्यवस्था को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, मैंने सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी खाद की कालाबाजारी करेगा, तो रासुका के तहत जेल भेज देंगे. किसान आश्वस्त रहें हम खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे. किसान धैर्य रखें, हमें केंद्र का पूरी तरह से सहयोग मिल रहा है'.
खाद की कालाबाजारी पर सख्त सीएम, BLACK MARKETING करने वाले रासुका में जाएंगे जेल