सागर। पितृपक्ष के समापन के दिन पितृमोक्ष अमावस्या होती है, जिसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है. श्राद्ध पक्ष में पितृ मोक्ष अमावस्या का इसलिए महत्व है, क्योंकि इस दिन ज्ञात- अज्ञात पूर्वजों को श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है, जिनकी मृत्यु के बारे में जानकारी नहीं होती है. पितृमोक्ष अमावस्या के दिन कुछ विशेष उपाय करने से पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है और सुख समृद्धि आती है, साथ ही तमाम तरह के भय खत्म हो जाते हैं और घर में सुख शांति आती है. 25 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या है, ऐसे में ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ श्याम मनोहर चतुर्वेदी कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिनको करने से पूर्वज तो प्रसन्न होंगे ही, साथ ही आपको भगवान भी भरपूर आशीर्वाद देंगे. Sarva Pitru Amavasya 2022
पितृ मोक्ष अमावस्या का महत्व:पं. डॉ श्याम मनोहर चतुर्वेदी बताते हैं कि, "पितृमोक्ष अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या, महालय श्राद्ध और विसर्जनी श्राद्ध भी बोला जाता है, क्योंकि अमावस्या के दिन श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता है. पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन ज्ञात-अज्ञात लोगों की, जिनकी मृत्यु की जानकारी नहीं होती है, उनका श्राद्ध किया जाता है. वहीं जिनकी मृत्यु तक चतुर्दशी के दिन होती है, उनका भी श्राद्ध पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन किया जाता है, क्योंकि चतुर्दशी के दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है, जो अपमृत्यु के कारण मृत हुए हैं. जैसे किसी ने आत्महत्या की है या फिर जल में डूबकर दुर्घटना या आगजनी का शिकार होकर मृत्यु हुई है, उनका श्राद्ध भी पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन किया जाता है. पितृ मोक्ष अमावस्या के अंतिम दिन श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान जरूर करना चाहिए, क्योंकि हमारे पूर्वज सूक्ष्म रूप में आते हैं और तृप्त हो जाते हैं. हमसे कोई गलती होती है, तो माफ भी कर देते हैं." Shradh Pind daan Tarpan