सागर।सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एजुकेशन डिपार्टमेंट में हिजाब पहने एक छात्रा का नमाज पढ़ने का मामला सामने आया था. इस मामले में विश्वविद्यालय में 6 सदस्य समिति गठित कर जांच के आदेश दिए थे. शनिवार और रविवार अवकाश होने के कारण इस मामले की जांच 28 मार्च यानी सोमवार को शुरू हो पाई. विश्वविद्यालय ने 3 दिन में जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. संभावना व्यक्त की जा रही है कि आज यानी 29 मार्च की शाम तक रिपोर्ट कुलपति के समक्ष पेश हो सकती है.
सागर यूनिवर्सिटी में नमाज विवाद क्या है मामला ? :शनिवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें एक छात्रा हिजाब पहने नमाज पढ़ती हुई नजर आ रही थी. कहा जा रहा था कि यह वीडियो केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के एजुकेशन डिपार्टमेंट का है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद हिजाब और नमाज को लेकर सियासत तेज हो गई थी और कई धार्मिक संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी. हिंदू जागरण मंच के उमेश सर्राफ ने इस मामले में कुलपति और कुलसचिव के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई थी. बताया जा रहा था कि यह वीडियो एजुकेशन डिपार्टमेंट की बीएससी बीएड की छात्रा का है, जो विश्वविद्यालय के निवेदिता छात्रावास में रहती है.
विश्वविद्यालय ने गठित की थी जांच कमेटी:मामले के तूल पकड़ते ही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने 6 सदस्य टीम का गठन कर जांच कर 3 दिन में रिपोर्ट सौंपने के लिए निर्देश दिए थे. वहीं उन्होंने नोटिफिकेशन जारी किया था कि विश्वविद्यालय में किसी धर्म से संबंधित पूजा अनुष्ठान या क्रियाकलाप प्रतिबंधित रहेंगे.
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28 मार्च से शुरू हुई मामले की जांच:विश्वविद्यालय द्वारा जांच कमेटी के सदस्यों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. लेकिन नियम अनुसार विश्वविद्यालय के प्रोक्टर गिरीश मोहन दुबे की अगुवाई में यह जांच हो रही है. सूत्रों की माने तो सोमवार को ही जांच शुरू की गई है और 6 सदस्य टीम ने जहां विश्वविद्यालय के एजुकेशन डिपार्टमेंट का दौरा किया है, वहीं संबंधित छात्रा से भी पूछताछ की है. अभी तक विश्वविद्यालय ने जांच कमेटी की जांच की प्रगति को लेकर किसी तरह की जानकारी सार्वजनिक नहीं की है.
शिकायतकर्ता के अभी तक नहीं हुए बयान दर्ज:इस मामले की शिकायत करने वाले हिंदू जागरण मंच के उमेश सर्राफ से जांच कमेटी ने अभी तक बयान दर्ज नहीं किए हैं. उमेश का का कहना है कि वह विश्वविद्यालय गए थे और उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर गिरीश मोहन दुबे से मुलाकात भी की थी, लेकिन अभी कमेटी ने ना उन्हें किसी तरह का नोटिस जारी किया है और ना बयान दर्ज कराने के लिए किसी तरह का बुलावा भेजा है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि शिकायतकर्ता के भी आज मंगलवार को बयान दर्ज किए जा सकते हैं.
डिपार्टमेंट के छात्रों की आपसी रंजिश का मामला:विश्वविद्यालय में चर्चा आम है कि ये जो मामला आया है, वह मूल रूप से एजुकेशन डिपार्टमेंट के छात्रों के आपसी मनमुटाव और रंजिश का मामला हो सकता है. चर्चा तो यह भी है कि जिस छात्रा की शिकायत की गई है, वह छात्रा एजुकेशन डिपार्टमेंट की टॉपर है और उसका मनोबल गिराने और उसकी पढ़ाई प्रभावित करने के लिए ये हरकत हो सकती है. हालांकि अभी तक इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन या जांच समिति द्वारा किसी भी तरह की बातचीत सार्वजनिक नहीं की गई है.
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