सागर। कथावाचकों और ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी कर भाजपा से निष्कासित हुए प्रीतम लोधी आक्रमक राजनीति की मिसाल बन रहे हैं. इस घटनाक्रम के जरिए प्रीतम लोधी और लोधी समुदाय जातीय ध्रुवीकरण के साथ-साथ ओबीसी और सवर्ण की लड़ाई को हवा दे रहे हैं. प्रीतम लोधी के बयान के बाद पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों की नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने निष्कासन की कार्रवाई तो कर दी, लेकिन इसके बाद बुंदेलखंड के प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेंद्र कुमार शास्त्री की प्रीतम लोधी पर की गई टिप्पणी को मुद्दा बनाकर लोधी और ओबीसी एकता की सियासत को हवा देने कई नेता परदे के पीछे तो कई खुलेआम सक्रिय हैं. कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के बाद कांंग्रेस से जुड़ी लोधी समुदाय की साधना भारती ने भी आग में घी डालने का काम किया है और धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधा है. हालांकि कांंग्रेस इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और सियासी हवा का अंदाजा ले रही है. फिलहाल इस घटनाक्रम में लोधी समुदाय आक्रमक तरीके से ब्राह्मण विरोध के साथ-साथ ओबीसी एकता को हवा देकर प्रदेश की सियासी फिजा बदलने की कोशिश कर रहा है. Pritam Lodhi VS Brahmins, Mission 2023 MP lodhi Vote Bank Politics
13 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना बनी आधार:सागर जिले के बंडा थाने में 13 अगस्त को एक दुष्कर्म का मामला सामने आया था. जिसमें आरोप था कि बंडा के खजराभेड़ा गांव में एक 13 साल की लड़की के साथ 56 साल के बुजुर्ग ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. इसमें पीड़िता लोधी समुदाय की लड़की थी और जिस बुजुर्ग पर आरोप लगे थे,वह ब्राह्मण समुदाय का था. मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने तत्काल आरोपी को गिरफ्तार कर अपहरण,रेप और पाक्सो एक्ट में न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था. लेकिन इसके बाद मामले को सियासी हवा देने बंडा में ओबीसी महासभा और भीम आर्मी ने एकजुट होकर आरोपी को फांसी देने और उसका घर ढहाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया. जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.
प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों और कथावाचकों पर अभद्र टिप्पणी:घटनाक्रम यहीं नहीं थमा, इसके बाद भाजपा के लोधी समुदाय के नेता प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों और कथा भाजपा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे. इस वीडियो में कथावाचकों के साथ महिलाओं पर भी निशाना साधा गया था. बयान का वीडियो वायरल होते ही ब्राह्मण समाज पूरे प्रदेश में सड़क पर उतर आया था. जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे थे और प्रीतम लोधी पर FIR दर्ज कराई जा रही थी. प्रीतम लोधी ने अपने बयान को लेकर माफी भी मांगी थी. लेकिन प्रदेश भर में हो रहे विरोध को देखते हुए भाजपा ने प्रीतम लोधी को निष्कासित कर दिया.
निष्कासन के बाद प्रीतम लोधी ने किए जातीय ध्रुवीकरण के प्रयास:भाजपा से निष्कासन के बाद प्रीतम लोधी ने एक तरह से अपने आप को शहीद की तरह पेश किया और पार्टी से नाराजगी बताते हुए आक्रमक राजनीति पर उतर आए. उन्होंने इस सारे घटनाक्रम के जरिए जातीय ध्रुवीकरण के प्रयास तेज कर दिए. प्रीतम लोधी के निष्कासन के बाद लोधी और ब्राह्मण समुदाय आमने-सामने आ गए. इस मुद्दे को एक कदम आगे बढ़कर वर्गीय ध्रुवीकरण का भी हिस्सा बनाने की कोशिश की जा रही है. ओबीसी बनाम सवर्ण राजनीति का भी यह मुद्दा बन चुका है. ओबीसी महासभा के साथ-साथ भीम आर्मी और अन्य सामाजिक संगठन इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.